इंडिया न्यूज़, चंडीगढ़
Corona Safety Mask : कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और इसी का एक नए वेरिएंट ने दुनिया में हड़कंप मचा दिया हैं जिसे यह तेजी से फैलता जा रह रहा हैं यह ज्यादातर देशों में पहुंच चुका है। अब तक दुनिया भर से 3 लाख से ज्यादा लोग ओमिक्रॉन संक्रमित पाए गए हैं। सबसे ज्यादा केस यूके में है। ये वेरिएंट आसानी से लोगों को संक्रमित कर रहे है। इनसे बचने के लिए मास्क लगाने की सलाह दी गई थी लेकिन कोरोना के भयावह काल में कौन सा मास्क कितना कारगर है, आइए जानते हैं अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन।
आपको बता दें कि कोरोना से बचाव के लिए आमतौर पर तीन तरह के मास्क मौजूद हैं। पहला एन-95 मास्क, यह अगर सही से पहना जाए तो आपको कोरोना संक्रमण से 95 प्रतिशत की सुरक्षा मिलती है। इसके बाद आता है सर्जिकल मास्क, इससे आपको कोरोना से बचने में सिर्फ 56 फीसदी मदद मिलती है। जबकि, कपड़े वाले मास्क से आप सबसे कम सिर्फ 51 फीसदी सुरक्षित रहते हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार मास्क पहनने के पहले और उसे निकालने के बाद हाथ साफ करना चाहिए। ये ध्यान रखें कि मास्क आपकी नाक, मुंह और चिन को पूरी तरह ढके हुए हो। जब आप मास्क को उतारे तो उसे एक साफ प्लास्टिक के बैग में स्टोर करें। कपड़े के मास्क को हर दूसरे दिन धोएं और मेडिकल मास्क को ट्रैश बिन में डालें। वॉल्व वाले मास्क कभी भी इस्तेमाल न करें।
स्टडीज में पाया गया है कि कोरोना वायरस हवा के जरिए फैलता है। कपड़े के मास्क बड़े एयरोसॉल को रोकने में कारगर है। हालांकि, छोटे एयरोसॉल से बचने के लिए आपको सर्जिकल या एन-95 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।
जो आपके चेहरे पर पूरी तरह फिट न हो, ज्यादा ढीला या टाइट हो। ऐसे मटेरियल का बना हो जिससे सांस लेने में परेशानी हो। सिंगल लेयर हो। सांस लेने के लिए अलग से वॉल्व दिए मास्क को न खरीदें।
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