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International Gita Mahotsav : देशभर के राज्यों के शिल्पकार और लोक कलाकार जमा रहे महोत्सव में रंग

• LAST UPDATED : December 2, 2024
  • देश की संस्कृति और शिल्प कला का केन्द्र बना अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का मंच

  • शिल्प और सरस मेला बना पर्यटकों की पहली पंसद

India News Haryana (इंडिया न्यूज), International Gita Mahotsav : कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का मंच देश की संस्कृति और शिल्पकला का मुख्य केन्द्र बन चुका है। इस महोत्सव के मंच पर विभिन्न राज्यों की शिल्पकला और लोक संस्कृति को सहजता से देखा जा सकता है। इस अनोखी संगम से ब्रहमसरोवर की फिजा भी महक उठी है। यह महक देश के कोने-कोने तक पहुंच चुकी है और इस महक से रोजाना हजारों लोग ब्रहमसरोवर के तट पर खिंचे चले आते है। अहम पहलू यह है कि गीता महोत्सव के दौरान 48 कोस के 182 तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

International Gita Mahotsav के शिल्प और सरस मेले का 5वां दिन

महोत्सव-2024 के शिल्प और सरस मेले का 5वां दिन है और रोजाना पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ब्रह्मसरोवर के घाटों पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र की तरफ से बेहतरीन कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। इन प्रस्तुतियों में किसी घाट पर पंजाबी संस्कृति, कहीं पर हरियाणवी और कहीं पर हिमाचल तो कहीं पर राजस्थान की लोक संस्कृति को देखने का अवसर मिल रहा है।

इस लोक संस्कृति का आनंद लेने के साथ-साथ लोग ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ एनजेडसीसी और डीआरडीए की तरफ से लगे सरस और शिल्प मेले में अनोखी शिल्पकला को भी खूब निहार रहे हैं। इस वर्ष 650 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं। इसमें राष्ट्रीय, राज्य अवॉर्डी शिल्पकार भी शामिल हैं।

एनजेडसीसी के अधिकारी भूपेंद्र सिंह का कहना

एनजेडसीसी के अधिकारी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि एनजेडसीसी की तरफ से पंजाब का लड्डू, हिमाचल का किल्लू-नाटी, जम्मू कश्मीर का राउफ, उत्तराखंड का छपेली नृत्य से पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। इसके अलावा महोत्सव में पंजाब से बाजीगर, राजस्थान से बहरुपिए और कच्ची घोड़ी के कलाकारों ने लोगों का मनोरंजन करना शुरू कर दिया है।

हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल के साथ-साथ कई अन्य राज्यों की लोक संस्कृति इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देखने को मिल रही है जब इन लोक कलाकारों द्वारा ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर अपनी प्रस्तुति दी जाती है तो वहां पर देखने वाले पर्यटक अपने पैरों पर थिरकने को मजबूर हो जाते है। ऐसी अदभुत संगीतमय लोक संस्कृति, इस महोत्सव में आने वाले सभी पर्यटकों के मन का रिझाने का काम कर रही है।

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शिल्प और सरस मेला जानें कब तक चलेगा

उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का शिल्प और सरस मेला जहां 15 दिसंबर तक चलेगा, वहीं इस महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक चलेंगे। इन मुख्य कार्यक्रमों में अंतर्राष्ट्रीय गीता सेमिनार, दीपोत्सव, वैश्विक गीता पाठ, संत सम्मेलन, विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियां मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेंगी।

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 के मुख्य कार्यक्रम ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में होंगे। यह कार्यक्रम 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक जारी रहेंगे। इस मुख्य मंच पर सुबह और सायं के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी। इस महोत्सव में सांध्यकालीन कार्यक्रम करीब 6 बजे शुरु होंगे। प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

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