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Repo Rate : RBI ने ब्याज दरें 0.35% बढ़ाईं

BY: • LAST UPDATED : December 7, 2022

इंडिया न्यूज, New Delhi (Repo Rate) : आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट में वृद्धि की है। यह वृद्धि 5वीं बार है। आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने घोषणा की है कि रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी की जा रही है। इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट बढ़कर 6.25% पर हो चुका है। इस साल केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कुल 2.25 फीसदी का इजाफा कर किया है।

आपको बता दें कि पिछले कई महीनों से महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी की जा रही है। रेपो रेट बढ़ने से बैंकों के कर्ज की दरें बढ़ती हैं जिसका असर ग्राहकों पर आ जाता है। इससे आपके लोन की ईएमआई बढ़ी है और आगे भी बढ़ सकती है। अत: आपके लिए लोन लेने महंगे हो जाएंगे।

ये बोले आरबीआई गवर्नर

आरबीआई गवर्नर का कहना है कि अब रेपो रेट 5.90 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो जाएगा। इस फैसले के साथ ही अब होम लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। एमपीसी आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी की समीक्षा बैठक में गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी के 6 सदस्यों में से 5 ने बहुमत से रेपो रेट को बढ़ाने का पक्ष लिया और इसके बाद आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हम एक और चुनौतीपूर्ण साल के अंत में आ गए हैं और देश में ही नहीं, दुनिया के कई देशों में महंगाई दर बढ़ती देखी गई है। देश में बैंक क्रेडिट ग्रोथ इस समय दहाई अंकों से ऊपर आ रही है, जबकि महंगाई दर ऊपरी स्तरों पर बनी हुई है।

केंद्रीय बैंक ने पहले 7 फीसदी का जताया था अनुमान

गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है। जबकि इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 7 फीसदी का अनुमान जताया था। उन्होंने कहा कि ग्लोबल चुनौतियां के बावजूद भारत की ग्रोथ रेट संतुलित रहा है। मांग में बढ़ोतरी हुई है। इससे अर्थव्यवस्था को सपोर्ट मिल रहा है।

गौरतलब है कि महंगाई को कंट्रोल करना आरबीआई का मुख्य लक्ष्य है, इसलिए आरबीआई कई ठोस कदम उठा रहा है। आरबीआई की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला मई 2022 महीने से शुरू किया गया था। उस समय रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। आरबीआई एमपीसी की बैठक हर दो महीने बाद होती है। इसके बाद जून में फिर फइक ने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी का इजाफा किया। ये सिलसिला जारी रहा और अगस्त महीने में 0.50 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली, जबकि सितंबर में भी केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों को 0.50 फीसदी बढ़ाया था। अब ये पांचवीं बार है, जब केंद्रीय बैंक ने लोगों की जेब का खर्च बढ़ाया है।

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