India News (इंडिया न्यूज), Ramon Magsaysay Award, चंडीगढ़ : तिब्बतियों के धार्मिक गुरु दलाईलामा को घोषणा के 64 वर्ष बाद रेमन मैग्सेसे अवाॅर्ड (एशिया का नोबल पुरस्कार) मैक्लोडगंज में दिया गया। पुरस्कार देने के लिए रेमन मैग्सेसे अवार्ड (Ramon Magsaysay Award) फाउंडेशन की अध्यक्ष सुसाना बी. अफान और फाउंडेशन की ट्रस्टी एमिली ए अब्रेरा ने दलाईलामा को मेकलोडगंज में उनके आवास में इस पुरस्कार से सम्मानित किया।
1959 में हुई थी पुरस्कार देने की घोषणा
बता दें कि दलाईलामा को यह पुरस्कार देने की घोषणा साल 1959 में हुई थी। उस समय दलाईलामा के बड़े भाई ग्यालो थोंडेन ने फिलीपींस के मनीला में यह पुरस्कार प्राप्त किया था। दलाईलामा को दिया जाने वाला यह पहला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार था। यह पुरस्कार दलाईलामा को तिब्बती समुदाय के लिए संघर्ष करने और तिब्बती संस्कृति की प्रेरणा दिलाने के लिए दिया गया था। पुरस्कार की घोषणा के 64 साल बाद बुधवार को फाउंडेशन के सदस्यों ने मैक्लोडगंज में बौद्ध धर्मगुरु को यह पुरस्कार वास्तविक रूप से प्रदान किया।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार एशिया का नोबल पुरस्कार
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार को एशिया के नोबल पुरस्कार के रूप में भी जाना जाता है। यह पुरस्कार व्यक्तियों एवं संस्थाओं को अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिए प्रदान किया जाता है। यह अवार्ड फाउंडेशन की ओर से फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रमन मैग्सेसे के नाम पर दिया जाता है। यह पुरस्कार न्यूयॉर्क स्थित रॉकफेलर ब्रदर्स फंड के ट्रस्टियों की ओर से साल 1957 में स्थापित किया था।