इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Delhi Bomb Blast Case 1993 दिल्ली धमाकों के दोषी खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के सदस्य देविंदर पाल सिंह भुल्लर (Devinder Pal Singh Bhullar) की आज जेल से रिहाई हो सकती है। ज्ञात रहे कि 1993 के दिल्ली बम धमाकों में 9 लोगों की जान गई थी। भुल्लर उन बम धमाकों का मुख्य आरोपी था। बाद में उस पर लगे आरोपों को सही पाते हुए अदालत ने उसे दोषी करार दिया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद जेल में रहते हुए भुल्लर की मानसिक स्थिति बिगड़ गई थी। इस आधार पर उसकी सजा कम करने की मांग की थी। इसके बाद मार्च 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने भुल्लर की मानसिक स्थिति को देखते हुए सजा ए मौत को उमक्रैद में बदल दिया था। भुल्लर तिहाड़ जेल के कैदी हैं लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्हें अमृतसर जेल में रखा गया है। Devinder Pal Singh Bhullar
प्रो. भुल्लर की रिहाई का मुद्दा हाल ही में संपन्न हुए भी खूब उठा। जिसमें दिल्ली की अरविंद केजरीवाल वाली आम आदमी पार्टी सरकार विरोधियों के निशाने पर रही। अकाली दल और भाजपा ने आम आदमी पार्टी को इस मुद्दे पर जमकर घेरा था। हालांकि आप इसका जिम्मा केंद्र सरकार पर डालती रही। Devinder Pal Singh Bhullar Current News
देविंदर पाल सिंह भुल्लर ने लुधियाना के गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। उसके पिता पंजाब के आॅडिट विभाग में सेक्शन अफसर और माता पंजाब ग्रामीण विकास में सुपरवाइजर थीं। इसी दौरान भुल्लर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के सक्रिय सदस्यों के संपर्क में आया था। जिसके बाद उसने कई आतंकी गतिविधियों में हिस्स लिया था।
11 सितंबर 1993 को दिल्ली के रायसीना रोड स्थित युवा कांग्रेस मुख्यालय के पास हुए बम ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 30 लोग घायल हुए थे। यह बम विस्फोट तत्कालीन युवक कांग्रेस अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा को निशाना बनाकर किया गया था। घटना के समय बिट्टा अपनी कार से वहां से निकल रहे थे और धमाके में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह हमला एक रिमोट बम के जरिए किया गया था। भुल्लर पर और भी कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप भी था।