होम / Delhi Government Vs Lt Governor Case: दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामला: अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर गुरुवार को संविधान पीठ सुनाएगी फ़ैसला 

Delhi Government Vs Lt Governor Case: दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामला: अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर गुरुवार को संविधान पीठ सुनाएगी फ़ैसला 

• LAST UPDATED : May 10, 2023
India News (इंडिया न्यूज),Delhi Government Vs Lt Governor Case,आशीष सिन्हा, नई दिल्ली : दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल के बीच अधिकारों की जंग पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ गुरुवार को फैसला सुनाएगी। अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार मांग रही दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ फ़ैसला सुनाएगी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा का संविधान पीठ फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ यह तय करेगी की दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच सर्विसेज का कंट्रोल किसके हाथ में होगा।सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दरसअल दिल्ली में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में होंगी, इस पर सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने 14 फरवरी 2019 को एक फैसला दिया था लेकिन, उसमें दोनों जजों का मत फ़ैसले को लेकर अलग अलग था। लिहाजा फैसले के लिए तीन जजों की बेंच गठित करने के लिए मामले को चीफ जस्टिस को रेफर कर दिया गया था। इसी बीच केंद्र ने दलील दी थी कि मामले को और बड़ी बेंच यानी संविधान पीठ को भेजा जाए।
4 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल बनाम दिल्ली सरकार विवाद में कई मसलों पर फैसला दिया था, लेकिन सर्विसेज यानी अधिकारियों पर नियंत्रण जैसे कुछ मुद्दों को आगे की सुनवाई के लिए छोड़ दिया था।जिसके बाद 14 फरवरी 2019 को इस मसले पर 2 जजों की बेंच ने फैसला दिया था, लेकिन दोनों न्यायमूर्तियों, जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण का निर्णय अलग-अलग था। इसके बाद मामला 3 जजों की बेंच के सामने लगा। फिर केंद्र के कहने पर आखिरकार चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने मामला सुना।

दिल्ली सरकार की दलील 

दिल्ली सरकार ने दलील दी कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ कह चुकी है कि भूमि और पुलिस जैसे कुछ मामलों को छोड़कर बाकी सभी मामलों में दिल्ली की चुनी हुई सरकार की सर्वोच्चता रहेगी यानी नियंत्रण सरकार का रहेगा।

केंद्र सरकार की दलील 

केंद्र सरकार ने कहा था कि गवर्नमेंट ऑफ एनसीटी ऑफ दिल्ली एक्ट में किए गए संशोधन से स्थिति में बदलाव हुआ है।दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है. यहां की सरकार को पूर्ण राज्य की सरकार जैसे अधिकार कतई नहीं दिए जा सकते।केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार राजनीतिक करने के लिए लगातार विवाद की स्थिति बनाए रखना चाहती है।

 

यह भी पढ़ें : Imran Khan: इमरान खान पर तोशाखाना मामले में आरोप तय, पाकिस्तान में हालात बेकाबू पंजाब और खैबरपख्तूनख्वाह सेना के हवाले

यह भी पढ़ें : Lawrence Bishnoi: माफिया मरहूम अतीक अहमद के बाद अब लॉरेंस बिश्नोई का नया पता गुजरात की साबरमती जेल

यह भी पढ़ें : Controversy Over ‘Sirf Ek Banda Kafi Hai’: एक्टर मनोज वाजपेई की फिल्म को आसाराम बापू ने भेजा कानूनी नोटिस, ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ पर विवाद

Connect With Us : Twitter, Facebook 

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT