इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
देश की शीर्ष कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा अहम फैसला लिया जिसमें कोर्टट ने वेश्यावृत्ति को वैध करार दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि पुलिस वेश्यावृत्ति के मामले में अपनी किसी भी तरह की दखलंदाजी नहीं कर सकती।
बता दें कि उपरोक्त फैसला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय पीठ ने दिया। शीर्ष कोर्ट का कहना है कि सेक्स वर्कर्स भी कानून के समक्ष सम्मान व बराबरी के हकदार हैं। पीठ ने सेक्स वर्कर्स के अधिकारों की रक्षा के लिए 6 सूत्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। कोर्ट ने केंद्र को इन पर जवाब देने को भी कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने ने कहा कि स्वैच्छिक वेश्यावृत्ति अवैध नहीं है। केवल वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है। पुलिस शिकायत दर्ज कराने वाली सेक्स वर्कर्स के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न करे। उनके मामलों में संवदेनशील रवैया अपनाने की जरूरत है।
यह भी पढ़ें: हरियाणा के सीएम ओपी चौटाला की सजा पर फैसला सुरक्षित, कल होगा निर्णय
वहीं इस मामले में कोर्ट ने मीडिया को बीच में लिया है, उन्होंने मीडिया से कहा कि पुलिस द्वारा छापेमारी, गिरफ्तारी और बचाव अभियान के दौरान सेक्स वर्कर्स की पहचान उजागर न करना चाहिए। चाहे वह पीड़ित हों या आरोपी हों। ऐसी किसी फोटो को प्रकाशित न करें।
यह भी पढ़ें: करनाल में कृषि विभाग ने 45 एकड़ धान की फसल की नष्ट