इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Delhi’s politics heats up) : पिछले कई दिनों से दिल्ली की राजनीति में लगातार हलचल जारी है। पहले एमसीडी में मेयर और कमेटी सदस्यों के चुनाव को लेकर आप और भाजपा में खूब घमासान हुआ। अब उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी और सिसोदिया और एक अन्य कैबिनेट मंत्री के त्यागपत्र के बाद दिल्ली की राजनीति का पारा काफी ज्यादा बढ़ गया है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया व पहले से तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों का इस्तीफा बीते कल ही मंजूर कर लिया था। दोनों पर दिल्ली की नई आबकारी नीति में हुए घोटाले में संलिप्तता का आरोप है। सिसोदिया को सीबीआई ने इस मामले में 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उनके पास 18 विभाग थे।
सूत्रों ने बताया कि सिसोदिया के विभाग दिल्ली के कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत और राज कुमार आनंद को दिया जा सकते हैं। फिलहाल कोई नया मंत्री शपथ नहीं लेगा। सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि आपके लिए दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका सहित विभिन्न कानूनी उपाय उपलब्ध हैं।
सिसोदिया को सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश करने के बाद अदालत ने चार मार्च तक पांच दिन के सीबीआई रिमांड में भेजा था। सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से वह वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।
सीबीआई और ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था। यह भी आरोप है कि आबकारी विभाग ने निर्धारित नियमों के विरुद्ध एक सफल निविदाकर्ता को लगभग 30 करोड़ रुपए की बयाना जमा राशि वापस करने का निर्णय लिया था। सरकारी खजाने को नई आबकारी नीति से 144.36 करोड़ रुपए का चूना लगा है।
दूसरी तरफ सिसोदिया ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि पहले भी उन्हें सीबीआई और ईडी द्वारा बिना वजह परेशान किया गया था। उनके घर, बैंक और लॉकर सभी को खंगाला गया था लेकिन उनके खिलाफ किसी तरह का कोई सबूत नहीं मिला था। उन्होंने कहा कि एक बार फिर से केंद्रीय एजेंसियों का गलत फायदा उठाकर केंद्र सरकार आम आदमी पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।