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Festival Of Ideas : उरी हमले के बाद कैसे हुआ सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला? लेफ्टिनेंट जनरल (रि) सतीश दुआ ने बताया

India News (इंडिया न्यूज़), Festival Of Ideas, दिल्ली: ITV नेटवर्क की तरफ से देश की राजधानी दिल्ली में फेस्टिवल ऑफ आइडियाज (Festival Of Ideas) कॉन्क्लेव का आगाज हो गया है। आज इस कार्यक्रम का दूसरा दिन है। इसी कड़ी में सेना के रिटार्ड अधिकारी इसमें शामिल हुए।

लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) कंवल जीत सिंह ढिल्लों, लेफ्टिनेंट जनरल (रि) सतीश दुआ और सेना के इतिहासकार शिव वर्मा शामिल हुए। लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने किताब लिखी है कितने ‘गाजी आए और कितने गाजी गए’ इसके शीर्षक पर उन्होंने कहा कि मैं 10 फरवरी 2019 को चिनार कोर में तैनात किया गया। चार दिन बाद पुलवामा में सीआरआरपीफ के काफिले पर धमाका हुआ।

100 घंटे में निष्क्रिय किया

जनरल (रि.) ढिल्लों के अनुसार घटना के 100 घंटे के भीतर ही हमला करने वाले मॉड्यूल को हमने निष्क्रिय कर दिया। मॉड्यूल का कमांडर पाकिस्तानी आतंकी था, जिसका असली नाम का था कमरान, कोड नाम था गाजी। इसके बाद एक प्रेंस कॉफ्रेंस में एक सवाल किया गया कि क्या गाजी मारा गया? इसपर मैंने कहा कि कितने गाजी आए, कितने गाजी गए। इसको काफी वायरल किया गया।

जिंदगी का सबसे काला दिन

इतिहासकार शिव वर्मा ने 1962 के चीन यूद्ध पर किताब लिखी है। इस पर भी चर्चा की गई। लेफ्टिनेंट जनरल (रि) सतीश दुआ ने सर्जिकल स्ट्राइक पर बताया कि जब मैं उरी के बारें में आज युवाओं से पूछता हूं की उरी क्या है तो वह कहता है हाउ इज द जोश पर हमारे उम्र के लोग ऐसा नहीं सोचते। 18 सितंबर 2016 को दिन मेरे जिंगदी का सबसे काला दिन जब 18 बहादुर सैनिकों की जान चली गई।

सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला हुआ

जनरल (रि) सतीश दुआ ने अनुसार, तब के रक्षा मंत्री मनोहर परिकर उरी जाने चाहते है उसी दिन लेकिन नहीं ले जाया गया क्योंकि ऑपरेशन चल रहे थे। मेरे ऑफिस में उन्होंने कहा कि क्या करना चाहिए था। तब इसपर पहली बार चर्चा हुए की हमें बॉर्डर पार जाकर हमला करना चाहिए। सर्जिकल स्ट्राइक से सिर्फ सेना का नहीं देश का मनोबल बढ़ा।

अनुच्छेद 370 के हटने के समय जनरल (रि.) ढिल्लों जम्मू-कश्मीर में तैनात थे

अनुच्छेद 370 के हटने के समय जनरल (रि.) ढिल्लों जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। तब क्या तैयारी थी इसपर उन्होंने कहा कि हम बहुत क्लियर थे हम देश के हित में होगा वह वही करेंगे। 5 अगस्त 2019 जब अनुच्छेद 370 हटाया गया तो 80 प्रतिशत कश्मीर के लोगों को नहीं पता है की अनुच्छेद 370 क्या है। सरकार ने काफी साहसी निर्णय लिया था। सिर्फ 2.5 लोगों को पता था कि यह हटने वाला है।

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Amit Sood

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