इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Drinking water crisis in India) : भारत में पेयजल संकट पर यूएन ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में साफ तौर पर यह कहा गया है कि यदि भारत ने आने वाले समय में पेयजल बचाने को लेकर गंभीर प्रयास नहीं किए तो आने वाले समय में पूरे देश में पेयजल संकट खड़ा हो सकता है। यूएन की रिपोर्ट में यह बताया गया है कि आने वाले तीन दशक के बाद भारत की स्थिति काफी ज्यादा भयंकर होने वाली है। यूएन की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में पेयजल का बड़ी मात्रा में प्रयोग गैर जरूरी कार्यों के लिए किया जा रहा है। जोकि आने वाले समय में खतरे की घंटी है।
संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 से पहले यूनाइटेड नेशंस ने ‘संयुक्त राष्ट्र विश्व जल रिपोर्ट 2023’ जारी की है। इसमें दावा किया गया है कि भारत के अलावा चीन व पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी 2050 तक पानी को लेकर हालात खराब होंगे। कई नदियों में बहाव की स्थिति भी कमजोर पड़ जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की लगभग 1.7 से 2.40 अरब शहरी आबादी पानी के संकट से जूझेगी। रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में 9.33 करोड़ आबादी पानी के संकट का सामना कर रही थी। संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 से पहले यूनाइटेड नेशंस ने ‘संयुक्त राष्ट्र विश्व जल रिपोर्ट 2023’ जारी की है।
एशिया में करीब 80 जनसंख्या जल संकट से जूझ रही है। भारत, पूर्वोत्तर चीन व पाकिस्तान पर यह संकट सबसे ज्यादा है। इस संकट से भारत के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है। ग्लेशियर पिघलने के कारण गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र जैसी प्रमुख हिमालयी नदियों का प्रवाह कम हो जाएगा।