इंडिया न्यूज, Earthquake in Nepal : पड़ोसी देश नेपाल में मंगलवार की देर रात को 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। इसके अतिरिक्त भारत में यूपी, दिल्ली समेत समेत उत्तर भारत के 5 राज्यों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बता दें कि जैसे ही भूकंप आया तो एक बार तो लोग समझ ही नहीं पाए कि क्या हो गया लेकिन जैसे ही मालूम हुआ कि भूकंप है तो लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के कारण लोगों में दहशत रही।
नेपाल के भूकंप की बात करें तो नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक नेपाल में भूकंप 9 नवंबर की रात को आया जिसका समय 1 बजकर 57 मिनट था। भूकंप का सेंटर नेपाल के मणिपुर में जमीन से 10 किमी. अंदर था। भूकंप की तीव्रता अधिक होने के कारण जिला दोती में घर ढहने से 6 लोगों की जान चली गई।
दिल्ली : बता दें कि दिल्ली के भूकंप में भी भूकंप के झटकों से दिल्लीवासी सहम उठे। बाद दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए जिस कारण लोगों में हड़कंप मचा रहा।
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां कल 8 नवंबर की रात को भूकंप आया जिसका समय था 8.52। वहीं भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.9 मापी गई। मेरठ, मुरादाबाद, लखनऊ में लोग घरों से बाहर निकल आए।
बिहार : उधर बिहार में सीतामढ़ी के नेपाल के नजदीक सोनबरसा, मेजरगंज, सुरसंड, परिहार कन्हौली, बेला सहित कई जगह भूकंप आया। फिलहाल यहां किसी भी जान-माल के नुकसान का समाचार नहीं है।
राजस्थान : वहीं राजस्थान भी भूकंप से अछूता नहीं रहा। यहां भीरात करीब 1.57 मिनट पर जयपुर, भरतपुर और अलवर सहित 8 से ज्यादा जिलों में भूकंप आया
उत्तराखंड : उत्तराखंड में भी आज सुबह 6 बजकर 27 मिनट पर पिथौरागढ़ में भी भूकंप आया जिसकी। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.3 रही।
आपको बता दे दें कि धरती मुख्य तौर पर 4 परतों से बनी होती है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैनटल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत होती है जोकि कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती है और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती है तो धरती तेजी के साथ हिलती है, जिसे हम भूकंप कहते हैं।
आज आपको बताते हैं कि रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाला भूकंप माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है। इसमें नाममात्र की ही कंपन होती है। जानने योग्य है कि रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप विश्वभर में प्रतिनिद आते जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है।
ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं सामान्य तौर पर हम इसे भी महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी में 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले भूकंप होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं। वहीं अगर इससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप में काफी जान-माल के नुकसान का भय रहता है। ज्ञात रहे कि अभी हाल ही में अफगानिस्तान में 7.4 तीव्रता वाला भूकंप आया था जिस कारण सैकड़ों जिंदगिया खत्म हो गई थी।
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