India News (इंडिया न्यूज),Elgar Parishad, मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से यह जांच करने के लिए कहा कि क्या तेलंगाना राज्य में एल्गार परिषद के आरोपी वरवरा राव को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने का प्रावधान है। उम्र से संबंधित कई चिकित्सीय जटिलताओं के कारण चिकित्सा आधार पर 2018 के मामले में ऑक्टोजेरियन वर्तमान में जमानत पर बाहर है।
वरवरा राव ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए तीन महीने के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति के लिए अर्जी दाखिल की थी।
राव की ओर से पेश वकील आर सत्यनारायणन और नीरज यादव ने कहा कि वह मुफ्त इलाज के हकदार हैं और याचिका में तेलंगाना सरकार के प्रावधानों को जोड़ा गया है। सत्यनारायणन ने कहा, “याचिका में नियम संलग्न हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य में एक पेंशनभोगी 2 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का हकदार है।
राव के वकीलों ने तर्क दिया कि परीक्षण अभी शुरू होना था और मोतियाबिंद के पकने के कारण उनकी दृष्टि बिगड़ रही थी। उन्होंने तर्क दिया कि मुंबई में सर्जरी और ऑपरेशन के बाद की देखभाल महंगी है, जबकि तेलंगाना राज्य में पेंशन धारक के लिए यह मुफ्त है।
हालांकि, न्यायमूर्ति अमित बोरकर ने कहा कि राव की याचिका का सार वित्तीय पहलू था और अगर यह तथ्यात्मक रूप से गलत था, तो मामले की जटिलता बदल जाती है। इस प्रकार अदालत ने जोर देकर कहा कि एनआईए इस तथ्य को सत्यापित करे और 5 जून को पीठ को सूचित करे जब अदालत फिर से राव की याचिका पर सुनवाई करेगी।
सत्यनारायणन ने पहले सुनवाई का अनुरोध किया, लेकिन अदालत ने कहा, “आपकी (राव की) दलीलों से ऐसा लगता है कि इसकी तत्काल आवश्यकता नहीं है। आप (राव) जमानत पर बाहर हैं। यदि आप जेल में होते तो यह अलग होता।”
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