इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
EPFO नवंबर, 2021 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 13.95 लाख अंशधारकों को जोड़ा है। यह आंकड़ा एक वर्ष पहले की समान अवधि की तुलना में लगभग 38% ज्यादा है। जबकि अक्टूबर, 2021 की तुलना में 2.85 लाख या 25.65 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी निश्चित वेतन पर रखे गए (पेरोल) कर्मचारियों के ताजा आंकड़ों से मिली है।
वहीं श्रम मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सालाना आधार पर तुलना की जाए तो अंशधारकों की संख्या में 3.84 लाख की वृद्धि हुई है। नवंबर, 2020 में ईपीएफओ ने शुद्ध रूप से 10.11 लाख अंशधारक जोड़े थे। नवंबर, 2021 में कुल 13.95 अंशधारक जोड़े गए हैं, इनमें से 8.28 लाख सदस्य पहली बार ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा दायरे में आए हैं। इन आंकड़ों से देश में संगठित रोजगार की स्थिति का पता चलता है।
वहीं लगभग 5.67 लाख अंशधारक EPFO से बाहर निकलने के बाद कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों के भीतर नौकरी बदलकर फिर इसमें शामिल हुए हैं। श्रम मंत्रालय ने बताया कि इन अंशधारकों ने नौकरी बदलने के बाद भी अपनी सदस्यता को जारी रखने का फैसला किया।
पेरोल आंकड़ों के मुताबिक आयु के हिसाब से तुलना की जाए तो नवंबर, 2021 में 22-25 आयु वर्ग के सबसे अधिक 3.64 लाख अंशधारक ईपीएफओ से जुड़े। 18-21 वर्ष के आयु वर्ग में अंशधारकों की संख्या 2.81 लाख बढ़ी। नवंबर, 2021 में कुल अंशधारकों की वृद्धि में 18 से 25 वर्ष के आयु वर्ग का हिस्सा 46.20 प्रतिशत का रहा।
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