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Farmers Movement Will Continue बिना संसद से कानून रद्द नहीं खत्म होगा आंदोलन, मोर्चा मोदी को लिखेगा खुला पत्र

• LAST UPDATED : November 21, 2021

Farmers Movement Will Continue

इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली:

कृषि कानून के वापसी के बाद भी दिल्ली की सटी सामीओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन खत्म होने और आगे की रणनीति पर रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की हुई बैठक खत्म हो गई है। किसान मोर्चा की यह बैठक सिंधु बार्डर पर चली। बैठक में किसान मोर्चा के नेताओं यह निर्णय किया है कि जब तक देश की संसद से तीन कृषि कानून वापस रद्द नहीं कर दिये जाते, तब तक यह आंदोलन वैसे ही चलता रहेगा।

इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्च की अगली बैठक फिर से 27 नवंबर को होगी। आंदोनल की समाप्ति होने के साथ कई अन्य मुद्दों पर भी बैठक में चर्चा हुई। यह जानकारी रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने किसान मोर्च के बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से बातचीत में दी।

आपको बात दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2021 को प्रकाश पर्व के दौरान देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया। मोदी ने आंदोलनरत किसानों से यह भी अपील की थी कि आप सभी वापस अपने-अपने घरों वा खेतों की ओर लैट जाएं।

हालांकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्री प्रवक्ता व आंदोलन के अगुवाकर्ता राकेश टिकैत ने साफ इंनकार कर दिया था कि आंदोलन तब तक वापस नहीं होगा। तब जब यह कानून संसद से रद्द नहीं कर दिये जाते और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून नहीं बना दिया जाता।

प्रधानमंत्री को लिखेंगे खुला पत्र (Farmers Movement Will Continue)

प्रेस वार्ता में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि बहुत जल्द यह मोर्चा किसानों की लंबित मांगों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखेगा। इस पत्र में एमएसपी समिति, विद्युत विधेयक 2020, किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी के साथ लखमीपुर खीरी में हुई हिंसा पर किसानों की मौत पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्त करने जैसे मांगों को उनके सामने रखेगा।

राजेवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कृषि कानून के वापस लेने वाले फैसले का संयुक्त किसान मोर्च से जुड़े हुए लोगों ने दिल से स्वागत किया है। प्रधानमंत्री का यह अच्छा कदम है लेकिन किसानों के जुड़ी अभी कई मांगें लंबित हैं।
सिंधु बार्डर पर समाप्त हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में 42 किसानों संगठनों ने भाग लिया। इस बैठक में राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत सभी जत्थेबंदियों कई नेताओं ने भाग लिया।

  • किसान मोर्चा ने बताईं यह मांगे।
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वैधानिक गांरटी
  • विद्युत संशोधन विधेयक को वापस ले सरकार
  • दिल्ली के वायु गुणवत्ता विनियमन पर कानून से संबंधित दंडात्मक धाराओं से किसानों को बाहर करें।
  • आंदोलन के दौरान मृतक किसानों के परिवारजनों को मुआवजा व रोजगार दे।

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