आईएएस-आईपीएस पर अखिलेश यादव ने दिया ये बयान
सपा अध्यक्ष ने कहा, हमारे एक साथी ने बनारस में विरोध किया तो उसको जेल में डाल दिया गया। आईएएस, आईपीएस अपनी शपथ भूल जाते है जब अपने ऊपर वाले लोगों को खुश करना होता है। बीजेपी वाले धर्म का कोकटेल लेकर आएंगे चुनाव में।
नेता जी भी छोड़ते आए हैं कांग्रेस की परंपरागत सीटें
अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस की जो परंपरागत सीटें है वह नेता जी छोड़ते आए है। हम जब इसपर बात करेंगे तो इसपर देखेंगे। कांग्रेस में कई बुराई हो सकती है पर इस बार उससे बुरी पार्टी से चुनाव लड़ना है। कांग्रेस अपने इतिहास में काफी पुराने पोस्टर लगाती रही है।
फेस्टिवल ऑफ आइडियाज में अगले स्पीकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने विचारों को साझा किया। उन्होंने कहा कि इंडिया एक गठबंधन बना है। इंडिया को जो जिताएगा,वह पीडीए है। अखिलेश यादव ने कहा कि 2017 में मैंने सोचा था कि कांग्रेस के गठबंधन होगा तो परिमाण दूसरे होंगे। मैंने उनको इतनी सीटों के लिए रोका था पर परिमाण बहुत कम आया। इसिलए 2017 में हम नहीं जीत पाए।
बहुसंख्यक समाज की तीन जगह- उदय माहूरकर
कार्यक्रम में उदय माहूरकर ने कहा, जरा सोचिए मध्यकाल के दौरान हजारों मंदिर तोड़े गए। फिर अल्पसंख्यकों की तऱफ से इस देश पर विभाजन सौंपा गया। यहां तक की बहुसंख्यक समाज की तीन जगह- अयोध्या, मथूरा और काशी यह भी पूरी तरफ से आज हमें नहीं मिले है। Secularism एक तरफा नहीं होता। 2014 के बाद से हर चीज में सुधार हुआ है।
भारत का विचार कैसे बदल रहा है?
फेस्टिवल ऑफ आइडियाज में वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, और सूचना आयुक्त उदय माहूरकर और TDXs स्पीकर संजीव चोपड़ा शामिल हुए। दोनों लोगों ने न्यूजएक्स की पत्रकार देविका चोपड़ा से बातचीत की। यह पूछे जानें पर की भारत का विचार कैसे बदल रहा है। उदय माहूरकर ने कहा कि अगर आप पिछले 9 सालों में देखेंगे तो जो वह शायद 60 सालों में भी नहीं हुआ।
बहुसंख्यक की बात पर ब्रदीनारायण ने क्या कहा?
ब्रदीनारायण के अनुसार, अगर हम बहुसंख्यक को छोड़कर लोकतंत्र को परिभाषित करते है तो यह गलती होती है। इसकी यह तुष्टिकरण की बात सामने आती है। तब कुछ लोगों को लगता है की हमें महत्व नहीं दिया जा रहा इसलिए राजनीतिक धुव्रीकरण होता है।
वरिष्ठ पत्रकार सशीद किदवई और लेखक बद्री नायारण ने लिया हिस्सा
इसी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार सशीद किदवई और लेखक बद्री नायारण शामिल हुए। संडे गार्जियन अखबार की निदेशक ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने भी इस सत्र में हिस्सा लिया। तुष्टिकरण की राजनीति पर पूछे जाने पर बद्री नारायण ने कहा कि यह इस पर निर्भर करता है की राजनीतिक प्रक्रिया को कैसे देखते है। एक के लिए यह तुष्टिकरण है तो एक तरफ यह शामिल करने और प्रतिनिधत्व देने का तरीका है। ब्रदीनारायण ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में बहुसंख्यक का आकलन किया जाता है। अल्पसंख्यक भी दिखाई देते है।
जब विनय सीतापति से पूछा गया कौन है अच्छा पीएम?
फेस्टिवल ऑफ आइडियाज में विनय सीतापति से ये सवाल किया गया कि अभी तक देश में जितने प्रधानमंत्री रहे हैं उनमें से कौन सा प्रधानमंत्री अच्छा है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस सवाल से पहले आपको ये पूछना चाहिए कि एक अच्छे प्रधानमंत्री की क्वालिटीज क्या होती हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने विचारों को रखते हुए कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का उदाहरण दिया। उनके मुताबिक एक अच्छे पीएम में उनके जैसी क्वालिटी होनी चाहिए।
डॉ ऐश्वर्या पंडित शर्मा के संबोधन से कार्यक्रम का आगाज
ITV नेटवर्क की तरफ से आयोजित फेस्टिवल ऑफ आइडियाज का आगाज हो चुका है। ITV फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ ऐश्वर्या पंडित शर्मा के संबोधन से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। जिसके बाद अब धीरे-धीरे करके देश की तमाम हस्तियां इस कार्यक्रम में अपने विचारों को साझा करेंगी।