India News (इंडिया न्यूज़), G-20 Summit in Jammu-kashmir, श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में कल यानी 22 मई से जी-20 पर्यटन कार्य समूह का सम्मेलन होगा और इसके लिए श्रीनगर समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। डल झील किनारे स्थित शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में सम्मेलन हो रहा है। कार्यक्रम को शांत, सुरक्षित एवं विश्वास पूर्ण वातावरण में संपन्न कराने के लिए स्थिति पर जल, थल व नभ से चौकसी रखी जा रही है ताकि किसी तरह के आतंकी षड्यंत्र को विफल किया जा सके।
एनएसजी व जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दल एसओजी के कमांडो ने सम्मेलन स्थल को अपने कब्जे में ले लिया है। वहीं डल झील में सीआरपीएफ के वाटर विंग व नौसेना के मार्कोस दस्ते के कमांडो अपनी नावों के जरिये लगातार गश्त कर रहे हैं। इसके साथ ही डल झील में नेहरू पार्क से लेकर निशात व चार चिनारी तक के हिस्से को आम सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। पठानकोट-जम्मू और जम्मू-पुंछ व जम्मू-श्रीनगर-गांदरबल राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिह्नित जगहों स्पेशल तौर पर नाकेबंदी की गई है। लगभग 600 पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को सादी वर्दी में सम्मेलन स्थल, एयरपोर्ट व अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात किया गया है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के नेतृत्व में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
सम्मेलन स्थल को नो फ्लाइंग जोन बनाया गया है। इसी के साथ एंटी ड्रोन प्रणाली भी स्थापित की गई है। उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उड़ी सेक्टर में अग्रिम सैन्य चौकियों का दौरा कर सेना की युद्धक तैयारियों और घुसपैठ रोधी तंत्र का भी जायजा लिया। जम्मू के परगवाल सेक्टर में चिनाब दरिया में बीएसएफ के जवान लगातार गश्त कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में 1986 के बाद अपनी तरह का जी20 पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन है। कश्मीर में बहाल होती सामान्य स्थिति से हताश पाकिस्तान ने इस सम्मेलन को नाकाम बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर संभव षड्यंत्र किया है। आतंकी संगठनों ने भी इस सम्मेलन के आयोजन का विरोध करते हुए , सम्मेलन के दौरान न केवल श्रीनगर में बल्कि प्रदेश के अन्य भागों में भी आतंकी हमलों की धमकी दी है।
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि हमने सुरक्षा का पूरा बंदोबस्त किया है। स्थिति की लगातार समीक्षा कर उसमें तत्कालीन परिस्थितियों के आधार पर आवश्यक सुधार भी किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान आतंकियों को गड़बड़ी का कोई मौका नहीं मिलेगा। इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय शरारती तत्वों और अफवाहबाजों की भी निगरानी की जा रही है।
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