इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ (Gang war in Goindwal jail): पंजाब पुलिस सिद्धू मूसेवाला केस में लगातार नाकाम हो रही है। यह दूसरी बार हुआ है कि इस केस में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाने में प्रदेश का खुफिया तंत्र दूसरी बार नाकाम साबित हुआ है। हालांकि पहली घटना में साफ था कि पंजाब पुलिस के एक अधिकारी की सांठगांठ के चलते इस केस का बड़ा आरोपी पुलिस को गच्चा देकर फरार होने में कामयाब हुआ था लेकिन इस बार जो हुआ वह अपने आप पर पजांब पुलिस पर सवाल खड़े कर रहा है।
कुछ माह पहले सिद्धू मूेसवाला मर्डर केस में जेल मेंं बंद खूंखार गैंगस्टर दीपक टीनू पुलिस को चकमा देकर बड़ी आसानी से पुलिस गिरफ्त से भागने में कामयाब हो गया था। उस समय उसके भागने के पीछे सीआईए इंस्पेक्टर प्रीतपाल व एक अन्य महिला कांस्टेबल की लापरवाही सामने आई थी।
पंजाब पुलिस और खूफिया तंत्र की दूसरी बड़ी चूक गत दिवस प्रदेश की हाई सिक्योरिटी जेल गोइंदवाल में सामने आई है। जिसने इस जेल प्रशासन को भी कटघरे में ला खड़ा कर दिया है। दरअसल कल जेल की एक बैरक में करीब 30 से 40 कैदियों ने एक दूसरे पर लोहे की रॉड व अन्य हथियारों से हमला कर दिया।
इस बैरक में सिद्धू मूसेवाला कत्ल मामले में गिरफ्तार गैंगस्टर भी रखे गए थे। इस गैंगवार में बदमाश मनदीप सिंह तूफान और मनमोहन सिंह मोहना की हत्या कर दी गई जो दोनों सिद्धू मूसेवाला कत्ल केस में शामिल थे। इस गैंगवार और हत्या की जिम्मेदारी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने ली है।उसने बताया है की अब बिश्नोई गैंग और जग्गू गैंग अलग-अलग हो चुकी है । इसलिए जग्गू गैंग के दोनों मेंबर्स को मौत के घाट उतरा गया है ।