India News Haryana (इंडिया न्यूज), Ghaziabad News : देश की राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश (UP) के गाजियाबाद से 7 साल की उम्र में अगवा किया गया 31 वर्ष बाद घर लौटा। राजू (37) ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि 8 सितंबर, 1993 को टेम्पो वालों ने उसका अपहरण कर लिया गया था। इस कारण वह वर्षों से अपनेे माता पिता और बहनों से दूर रहा।
वहीं राजू ने बताया कि उसके अपहरणकर्ताओं ने उसे राजस्थान भेज दिया था। वह इतने वर्ष से जैसलमेर में रह रहा था। पीड़ित ने बताया कि उससे काम करवाया जाता था रोज उसे पीटा जाता था साथ ही अमानवीय परिस्थितियों में रखा जाता था। शाम को बस एक रोटी मिलती थी। रात में उसे बांध दिया जाता था ताकि वह भाग न सके।
राजू के अनुसार जिस व्यक्ति के घर में उसे बंधक बनाया गया था, उसकी छोटी बेटी ने ही उसे भगवान हनुमान की पूजा करने के लिए कहा था और उसे भागने व अपने परिवार को खोजने के लिए प्रोत्साहित किया था। इस तरह राजू अपने अपहरणकर्ताओं को चकमा देने में कामयाब रहा।
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एक दिन वह दिल्ली के लिए एक ट्रक में सवार हो गया। राजू को अपना शहर याद था, पर वह भूल गया था कि वह किस इलाके में रहता है और उसके माता-पिता का क्या नाम है। राजू ने कहा, जब मैं राजधानी दिल्ली पहुंचा तो मैंने कई पुलिस थानों के चक्कर लगाए, लेकिन पुलिस ने कोई सहायता नहीं मिली।
राजू के मुताबिक 5 दिन पूर्व वह गाजियाबाद के खोड़ा थाने पहुंचा। यहां की पुलिस ने उसे जूते दिए, खाने-पीने का इंतजाम किया और सोशल मीडिया में उसकी जानकारी साझा की। जैसे ही राजू के चाचा को इस बारे में सूचना मिली तो वह तुुरंत गाजियाबाद पहुंचाा। एसीपी (साहिबाबाद) रजनीश उपाध्याय ने पुलिस स्टेशन आने वाले व्यक्ति (राजू) की बात की पुष्टि की। राजू ने कहा, मैं अब बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं।
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