Gita Jayanti Mahotsav 2021 सरस व शिल्प मेला संपन्न

अंतिम दिन भारी संख्या में पर्यटकों ने की जमकर खरीदारी
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।

Gita Jayanti Mahotsav 2021 कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 ने राष्ट्र ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक पहचान बना ली है। इस महोत्सव के क्राफ्ट और सरस मेले के अंतिम दिन शिल्पकारों और कलाकारों ने रुखसत होने से पहले कभी अलविदा ना कहना… अगले वर्ष 2022 में फिर मिलेंगे का वादा किया। यह महोत्सव पूर्ण सुरक्षा और व्यवस्था के बीच सफल आयोजन के साथ सम्पन्न हुआ। अहम पहलु यह है कि आगामी वर्ष में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 में 4 दिसंबर 2022 के दिन दीपदान कार्यक्रम होगा।

महोत्सव को सफल बनाने में सभी का सहयोग मिला (Gita Jayanti Mahotsav 2021)

सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 को यादगार और सफल बनाने के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों, मीडिया कर्मियों और शहर का आम नागरिकों का भरपूर सहयोग मिला। सभी के साझे प्रयासों से यह महोत्सव सफलता पूर्ण रुप से सम्पन्न हुआ। अब इस महोत्सव ने लोगों के दिलों में अपनी स्थाई पहचान बना ली है। इस महोत्सव में हरियाणा ही नहीं देश के कोने-कोने से लोग शिल्पकला का दीदार करने के लिए पहुंचे हैं।

2 से 19 तक चला गीता महोत्सव (Gita Jayanti Mahotsav 2021)

सोशल साइट्स के जरिए इस महोत्सव की झलकियां को दुनिया के कोने-कोने में बैठकर लोगों ने देखा है। इस महोत्सव का लाखों लोगों ने अवलोकन किया। कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर तट पर 2 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का विधिवत समापन हुआ। महोत्सव में आए शिल्पकार अगले साल फिर से मिलने का वादा कर रुखसत हुए। इस उत्सव में देश व प्रदेश के कोने-कोने से सांस्कृतिक कलाकारों व शिल्पकारों ने भाग लिया। यहां के लोगों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम देखकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि ठंड का मौसम होने के बावजूद रोजाना पर्यटकों व श्रद्धालुओं ने इस महोत्सव में आकर जमकर खरीदारी की। इस समारोह में लाखों पर्यटकों व श्रद्धालुओं ने महोत्सव में शिरकत की है।

कई देशों के 3700 से ज्यादा कलाकारों ने दिखाए हुनर (Gita Jayanti Mahotsav 2021)

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 में 21 राज्यों व अमेरिका, भूटान, रशिया, अफ्रीका सहित अन्य देशों के करीब 3700 से भी ज्यादा कलाकारों ने 2 दिसंबर से 19 दिसंबर तक मुख्य मंच, हरियाणा पवेलियन, सांस्कृतिक संध्या, ब्रह्मसरोवर के घाटों पर रोजाना सांस्कृतिक प्रोग्राम प्रस्तुत कर पर्यटकों का मनोरंजन किया। इसके अलावा 48 कोस के 75 तीर्थों पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों व जिला स्तरीय कार्यक्रमों में भी अपनी प्रस्तुती दी है। इस महोत्सव में जहां आरती स्थल पर संध्या के समय विभिन्न नामी कलाकार अपने कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। वहीं इसके साथ-साथ मुख्य पंडाल में सांध्यकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी चित्र-विचित्र, पद्मश्री मालिनी अवस्थी, रंजू अग्रवाल, बाबा मौर्य, गजेन्द्र फोगाट, महावीर गुड्डू आदि प्रसिद्ध कलाकारों ने अपने कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इस महोत्सव में हरियाणा पैवेलियन में हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत के झरोखों को भी देखने का सुनहरी अवसर मिला।

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Amit Sood

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