India News (इंडिया न्यूज), Golden temple heritage blast, अमृतसर : प्रदेश के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास तीन दिन के बीच हुए दो धमाकों के बाद देश की प्रमुख सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गई हैं। मंगलवार सुबह विस्फोट की जांच करने के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) की टीम हैरिटेज मार्ग पहुंची।
ज्ञात रहे कि यहां पर पहला विस्फोट शनिवार को हुआ था जिसमें 6 लोग मामूली रूप से घायल हो गए थे। दूसरा विस्फोट सोमवार सुबह हुआ। पंजाब पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बम को फोड़ने के लिए डेटोनेटर का प्रयोग नहीं किया गया। पुलिस फिलहाल इसे हर एंगल से जांच रही है, ताकि सच सामने आ सके।
इस मामले में मिनिस्ट्री आॅफ होम अफेयर्स भी सख्त कदम उठाने के मूड में हैं। गृह मंत्रालय ने ने डीजीपी पंजाब से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब कर ली है। जिसे डीजीपी पंजाब को आज शाम तक भेजना है। केंद्र से पहुंची टीम घटना स्थल पर सीन रीक्रिएट करने के साथ पूरे एरिया का मुआयना कर रही है।
विस्फोट के बाद जो जांच पंजाब पुलिस द्वारा की गई है उसमें यह सामने आया है कि इस पूरी घटना को अंजाम देने के लिए पूरी रेकी की गई है। पूरे विरासती मार्ग पर 16 कैमरे लगे हुए हैं। लेकिन उस जगह का इस्तेमाल किया गया, जो कैमरों की निगरानी में नहीं है। पंजाब पुलिस की जांच के अनुसार पहले बम को सारागड़ी पार्किंग की छत से बांधा गया, ताकि बम किसी अंजान के हाथों से गिरे और लगाने वाला कौसों दूर चला जाए।
इतना ही नहीं, अभी पुलिस मामले को समझने का ही प्रयास कर रही थी, तभी दूसरा बम भी फोड़ दिया गया। हालांकि पूरे इलाके में पुलिस बल तैनात था। इसके बावजूद दूसरा धमाका किया गया। अब पंजाब पुलिस नेशनल एजेंसियों के साथ मिलकर इस केस को सुलझाएगी कि आखिर इन दो धमाकों के पीछे किसका हाथ था और उनकी मंशा क्या थी।