India News, (इंडिया न्यूज), Kiren Rijiju, नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कहा कि भारत सरकार हिंसा प्रभावित मणिपुर में व्यवस्था बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। रीजीजू ने एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। कई लोगों की जान चली गई है और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। चाहे मेइती हों या कुकी, दोनों एक ही राज्य से हैं और उन्हें एकसाथ रहने की जरूरत है।
मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरे पूर्वोत्तर में तेजी से विकास हो रहा है। हिंसा को इसमें सेंध लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इस तरह की घटनाएं लोगों के भविष्य को प्रभावित करती हैं और युवाओं एवं महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सुंदर पूर्वोत्तर के विकास को आगे ले जाने के लिए शांति की आवश्यकता है। समाज तभी प्रगति कर सकता है जब शांति हो।’’ उन्होंने लोगों से गृह मंत्रालय द्वारा आदेशित बलों की तैनाती का समर्थन करने का आग्रह किया।
कुकी जनजाति और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के सदस्यों के बीच बुधवार को टकराव के बाद मणिपुर हिंसा की चपेट में आ गया। इसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग विस्थापित हो गए। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, हिंसा में 54 लोगों की जान चली गई है।
मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में मणिपुर के दस पर्वतीय जिलों में आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के बाद दोनों समुदायों के बीच झड़पें शुरू हो गईं। मेइती राज्य की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों – नगा और कुकी – आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
यह भी पढ़ें : Manipur Violence : हिंसा में अभी तक 54 लोग मारे जा चुके, कई जगह अभी भी हालात तनावपूर्ण
यह भी पढ़ें : Brij Bhushan Sharan Singh FIR Facts : जानिए बृजभूषण सिंह पर दर्ज FIR में क्या-क्या हैं आरोप
यह भी पढ़ें : WHO on Covid Pandemic : डब्ल्यूएचओ ने कोविड महामारी का दर्जा घटाया, यह अब आपात स्थिति नहीं