होम / Gutkha-Tobacco Sold In Country Even After The Ban : गुटखा-तंबाकू बैन फिर भी देश में धड़ल्ले से होती है ब्रिकी

Gutkha-Tobacco Sold In Country Even After The Ban : गुटखा-तंबाकू बैन फिर भी देश में धड़ल्ले से होती है ब्रिकी

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : February 20, 2022

Gutkha-Tobacco Sold In Country Even After The Ban

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Gutkha-Tobacco Sold In Country Even After The Ban: इंडिया न्यूज (India News) ने नशे के खिलाफ आवाज उठाई है। तंबाकू-गुटखा (Gutkha-Tobacco) एक धीमा जहर है जो इसका सेवन करने वाले हर व्यक्ति को धीरे-धीरे अंदर से खोखला करता जाता है। इससे कैंसर (cancer) जैसी जानलेवा बीमारियां हो जाती हैं। इसके बावजूद अक्सर लोग हर गली कूचे में इसका सेवन करते देखे जाते हैं। रोजाना गुटखा-तंबाकू से हजारों की संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं। इससे मुंह खुलने में दिक्कत आती हैं।

Gutkha-Tobacco Sold In Country Even After The Ban

गौरतलब है कि वर्ष 2006 से पहले गुटखा कंपनिया (gutkha companies) अपने प्रोडक्ट्स में तंबाकू मिलाती थी, लेकिन उस वर्ष 2006 में फूड सेफ्टी एक्ट (food safety act) में हुए बदलाव के हिसाब से किसी भी खाने की वस्तु में तंबाकू नहीं मिला सकते, पर गुटखा कंपनियों ने इसका भी हल निकाल लिया और पान मसाला बनाना शुरू किया और इसके साथ ही तंबाकू को अलग से बेचने लगीं।

हर साल लाखों लोग बनते हैं काल का ग्रास

दांत पीले, काले और लाल होने लगते हैं। इसी के साथ धीरे-धीरे दांव गलने भी लग जाते हैं। देश में रोज लाखों की संख्या में गुटखा-तंबाकू की बिक्री होती है। इस धीमें जहर से जहां अमीर लोग अपना इलाज करवा लेते हैं, वहीं गरीब मौत के मुंह में चले जाते हैं। गुटखा-तंबाकू का सेवन करने वाले हर साल लाखों लोग समय से पहले अपनी जान गंवा रहे हैं।

देश की एक तिहाई जनता कर रही गुटखे का सेवन

राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट (Rajiv Gandhi Cancer Institute) के साइंटिस्ट का कहना है कि गुटखा, खैनी, जर्दा का देश की एक तिहाई जनता सेवन करती है। उन्होंने कहा, गुटखे के अंदर 70 प्रकार के पदार्थ होते हैं। इसमे जर्दा सबसे ज्यादा हानिकारक होता है। जर्दे में पाया जाने वाला निकोटीन और गुटखे में मिले 70 पदार्थ शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। हमारे देश में मुंह का कैंसर बहुत कॉमन है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई है याचिका

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में दाखिल जनहित याचिका के अनुसार किसी भी फूड प्रोडक्ट में तंबाकू नहीं मिलाया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने इस पर कार्रवाई करते हुए रोक तो लगाई लेकिन गुटखा कंपनियों ने दोनों को अलग-अलग कर दिया और वे पान मसाला के नाम पर इसे बेचने लगीं। अगर गुटखा और तंबाकू सेहत के लिए हानिकारक है तो भारतीय संविधान (Indian Constitution) के आर्टिकल 47 के अंतर्गत सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि सेहत के लिए हानिकारक चीज को प्रोसेस किया जाए। 2006 में हुए फूड सेफ्टी एक्ट में बदलाव के बाद भी गुटखा कंपनिया नहीं मानी और अपने प्रॉडक्ट को बेचने के लिए दूसरे रास्ते निकल लिए।

Read More : Special report on illegal mining of Shree Cement श्री सीमेंट की मनमानी से लोगों का सांस लेना दुर्भर

Read More : Shree cement scam अरावली के पहाड़ों में धमाकों से दूभर हुई अजमेर के मसूदा वासियों की जिंदगी

Connect With Us: Twitter Facebook

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Panipat Police ने युवाओं के लिए कराई वॉलीबॉल व कबड्डी प्रतियोगिता, जिला के नशा मुक्त 104 गांवों के सरपंचों को किया सम्मानित
Good Governance Day : सुशासन में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला जिला बना ‘कैथल’ सीएम ने डिजिटल सुधारों में अग्रणी विभागों को राज्य एवं जिला स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए
DGP Haryana ने 32 पुलिसकर्मियों को किया सम्मानित, कहा – अधिकारी व कर्मचारी के लिए उसकी कर्मभूमि ही उसका सबसे बड़ा धार्मिक स्थल 
Good Governance Day पर प्रदेश में विभिन्न जगहों पर हुए कार्यक्रम, सुशासन में श्रेष्ठ भूमिका निभाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को किया सम्मानित
Jagadguru Swami Brahmanand के 116वें जन्मोत्सव कार्यक्रम में हरविंद्र कल्याण ने की शिरकत, ब्रह्मानंद को खूबियों का किया बखान
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT