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Haryana Farmers: “सरकार तुगलकी फरमान ले वापस”, हरियाणा सरकार के फरमान पर क्यों फूटा भाकियू चढ़ूनी का गुस्सा?

• LAST UPDATED : December 2, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Haryana Farmers News: भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने हरियाणा सरकार के हालिया आदेश की कड़ी निंदा की है, जिसमें किसानों को ब्लैकलिस्ट कर उन्हें दो साल तक मंडियों में अपनी फसल बेचने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस आदेश के खिलाफ किसानों में गहरा आक्रोश है, क्योंकि इससे न केवल उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा, बल्कि वे अपनी मेहनत की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर भी नहीं बेच पाएंगे।

भाजपा सरकार को बताया किसान विरोधी

किसान नेताओं का कहना है कि यह कदम पूरी तरह से किसान विरोधी है। भाकियू युवा प्रदेशाध्यक्ष विक्रम कसाना ने भाजपा सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि पराली जलाने के आरोप में किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना और उन्हें ब्लैकलिस्ट कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना, सरकार का किसान विरोधी रवैया साफ दर्शाता है।

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कैथल जिले में किसानों से लाखों रुपये वसूलने और उन्हें “मेरी फसल, मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर रेड एंट्री देने के मामले में किसानों का उत्पीड़न बढ़ गया है। इसके चलते इन किसानों के पास अपनी फसल को बेचने के लिए कोई विकल्प नहीं बचा है। साथ ही, कई किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उन पर एफआईआर भी दर्ज की है।

सरकार के सामने राखी मांग

भाकियू ने सरकार से मांग की है कि उन किसानों पर दर्ज एफआईआर को तत्काल रद्द किया जाए और इस तुगलकी फरमान को भी वापस लिया जाए। अगर सरकार ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया, तो भाकियू सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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