इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (High court Decision on Agneepath scheme ) : सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ स्कीम को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके जवाब में हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार के फैसले के खिलाफ सुनवाई करने या फिर दखल देने की कोई भी वजह नजर नहीं आ रही। इसलिए अग्निपथ योजना के खिलाफ जितनी भी याचिकाएं हैं उन्हें खारिज किया जा रहा है।
दरअसल केंद्र सरकार ने भारतीय सेना के तीनों अंगों थल सेना, जल सेना और वायु सेना में नियमित भर्ती को समाप्त करके नई योजना लागू की थी। इस योजना को केंद्र सरकार ने अग्निपथ का नाम दिया था। इस योजना के तहत किसी भी युवा को चार साल के लिए देश के लिए रक्षा सेवाएं देने के लिए चुना जाएगा। इसके बाद उसे सेना से हटा दिया जाएगा। इस योजना में यह भी विकल्प रखा गया था कि अग्निपथ योजना के तहत जो अग्निवीर भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे उनमें से 25 प्रतिशत को 15 साल तक सेवाएं देने के लिए चुना जाएगा।
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए अग्निवीरों को किसी तरह की पेंशन व अन्य सुविधाएं नहीं दी जाएंगी। सरकार की इस योजना की घोषणा के बाद देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे और आगजनी तक की गई थी। दूसरी तरफ कई लोग इस योजना के खिलाफ कोर्ट में पहुंचे थे। इन्ही याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार की दलीलें सुनने का बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।