इंडिया न्यूज, बेंगलुरु।
Hijab Controversy karnataka High Court कर्नाटक में हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई का आज तीसरा दिन है। बुधवार को भी वकीलों में जोरदार बहस रही। अधिवक्ता कुमार (Advocate Kumar) ने बेंच के सामने कई दलीलें दीं, जिनमें से एक में यह कहा गया कि सरकार अकेले हिजाब का मुद्दा क्यों उठा रही है। जब चूड़ियां पहनी जाती हैं तो क्या वे धार्मिक प्रतीक नहीं हैं, आप केवल इन मुस्लिम लड़कियों को ही क्यों चुन रहे हैं।
एडवोकेट कुमार : अधिनियम (कर्नाटक शिक्षा अधिनियम) या हिजाब पहनने पर रोक लगाने वाले नियमों में किसी भी तरह का कोई प्रावधान नहीं हैं।
जस्टिस दीक्षित (Justice Dixit): यह सही सवाल नहीं हो सकता। अगर इसे ऐसे ही देखा जाए तो कोई भी कह सकता है कि क्लास में हथियार ले जाने के लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं हैै।
एडवोकेट कुमार : सर सरकार हिजाब को ही क्यों उठा रही है। चूड़ियां भी पहनी जाती हैं।
जस्टिस दीक्षित : हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जब तक कागज की प्रामाणिकता स्थापित नहीं हो जाती, हम उसके कहे अनुसार नहीं चल सकते।
एडवोकेट कुमार : मेरा कहना है कि अगर पगड़ी पहनने वाले लोग सेना में हो सकते हैं, तो धार्मिक चिन्ह वालों को क्लासेस में जाने की अनुमति क्यों नहीं है।
वहीं इस मुद्दे पर विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) की पूर्णिमा सुरेश ने कहा कि हिजाब पहनकर लड़कियां यह संदेश देने की कोशिश कर रही हैं कि हम अलग हैं और ऐसा करके ये लड़कियां फूट पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा-हम अदालत के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन वे नहीं कर रहे हैं। कुछ जगहों पर हिजाब की अनुमति दी गई थी, लेकिन इन लड़कियों ने आग लगा दी जिसने पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले लिया।
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