इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Hijab Stubbornness Update News Today हिजाब विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा, क्योंकि इसकी गूंज सुप्रीमकोर्ट में गूंज चुकी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में दायर याचिका के आधार पर कर्नाटक के कॉलेजों और स्कूलों में हिजाब पहनने के मामले पर आज सुनवाई हुई। शीर्ष कोर्ट ने याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि मामले में सनसनी फैलाने से बचें। छात्राओं के वकील कामथ ने कहा कि था कि परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं, इसलिए याचिका पर जल्द सुनवाई की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट इससे पहले भी हिजाब विवाद पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर चुका है। होली की छुट्टियों के बाद चीफ जस्टिस के समक्ष इस मुद्दे को तत्काल सुनवाई के लिए रखा गया था। वकील कामत ने दलील दी थी कि कर्नाटक में 28 मार्च से छात्र के एग्जाम होने वाले हैं और अगर उन्हें हिजाब के साथ स्कूल या कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया तो छात्र-छात्राओं का साल बर्बाद हो जाएगा। इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा कि हिजाब से एग्जाम का कोई लेना देना नहीं है।
कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू की थी। इसके तहत सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में तय यूनिफॉर्म ही पहननी होगी। वहीं, प्राइवेट स्कूल भी अपनी यूनिफॉर्म चुन सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी 2022 के दौरान हुई थी। उस वक्त उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गई थीं। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था। इसके बावजूद छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं। उन्हें रोका गया तो दूसरे कॉलेजों में भी विवाद होने लगा।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल व कालेजों समेत शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने के कर्नाटक सरकार के आदेश को सही ठहराया है। हाल ही में हिजाब विवाद में अहम फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि इस्लामी आस्था में हिजाब पहनना धार्मिक प्रथा का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और इस तरह यह संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित नहीं है। इसके साथ ही हिजाब पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाएं हाईकोर्ट ने खारिज कर दी हैं।
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