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Hind Kesari 2022 Wrestling Competition : हैदराबाद में 5 जनवरी से शुरू होगी हिन्द-केसरी 2022 कुश्ती प्रतियोगिता

  • भारतीयशैली कुश्ती महासंघ (ISWAI) द्वारा कराया जा रहा 51वीं राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन।

पीके चौरसिया, New Delhi (Hind Kesari 2022 Wrestling Competition) : भारतीय शैली कुश्ती महासंघ (भारत) द्वारा हैदराबाद में 5 से 8 जनवरी तक कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन स्वर्गीय गुरु रोशनलाल (द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता) तथा स्वर्गीय विजय कुमार यादव (पूर्व अध्यक्ष तेलंगाना भारतीय शैली कुश्ती संघ) की याद में किया जाएगा। इस कुश्ती प्रतियोगिता में देशभर के नामी पहलवान हिस्सा लेकर अपना दम दिखाएंगे। इस प्रतियोगिता में हिन्द-केसरी (महिला-पुरुष) के अलावा विभिन्न भार वर्ग की कुश्तियां होंगी। यह जानकारी संघ के अध्यक्ष नफे सिंह राठी तथा संघ के महासचिव गौरव रोशन लाल ने दी।

उन्होंने बताया कि पुरुष वर्ग में कुल 9 भार वर्ग की कुश्तियां होंगी, जिसमें 55, 60, 65, 70, 75, 80, 85 व 90 किलोग्राम तथा पुरुष हिन्द-केसरी टाईटल के मुकाबले होंगे। वहीं महिला वर्ग में 48, 52, 56,62 व 68 किलोग्राम भार वर्ग तथा महिला हिंद-केसरी टाइटल के मुकाबले होंगे। इसके अलावा पुरुष हिंद केसरी टाइटल वेट के लिए 85 से 140 किलोग्राम भार वर्ग का मुकाबला होगा। इसी प्रकार महिला हिंद केसरी भार वर्ग में भी 65 से 90 किलोग्राम का मुकाबला होगा।

स्व. गुरु रोशनलाल, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता तथा स्व. विजय कुमार यादव की याद में होगी कुश्ती

स्व .रोशन लाल

स्व. विजय कुमार यादव

स्वर्गीय गुरु रोशनलाल ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता’ ने भारतीय शैली कुश्ती को मजबूत बनाने और इसे बचाने के लिए जीवन भर प्रयास करते रहे। उनका कहना था कि भारतीय शैली कुश्ती भारत की परंपरा वाली कुश्ती है, जिसे देश और समाज दोनों से बढ़ावा मिलना चाहिए और इसे बचाए रखने में हम सबकी हिस्सेदारी और भागीदारी होनी चाहिए। उनका कहना था कि भारतीय शैली कुश्ती से निकलकर ही सभी पहलवान राज्य स्तरीय, राष्ट्रीय स्तरीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचते हैं। संघ के अध्यक्ष नफे सिंह राठी तथा संघ के महासचिव गौरव रोशन लाल ने बताया कि हैदराबाद में 5 जनवरी 2023 को होने जा रही कुश्ती प्रतियोगिता ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता’ स्वर्गीय रोशन लाल और उनके शिष्य रहे स्वर्गीय विजय कुमार यादव (पूर्व अध्यक्ष तेलंगाना भारतीय शैली कुश्ती संघ) की याद में आयोजित होगी। इसमें 400 से ज्यादा पहलवान अपना दमखम दिखाएंगे और इस प्रतियोगिता में 30 राज्यों की इकाइयां जैसे बीएसएफ, सीआईएसफ, रेलवे आदि के अलावा बोर्ड भी शामिल होंगे।

कुश्ती प्रतियोगिता में पहलवान होंगे माला-माल

प्रतियोगिता वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ इंडियन स्टाइल रेसलिंग के तहत व यूडब्ल्यूडब्ल्यू की गाइडलाइंस के अनुसार होगी। हिंद केसरी मुकाबले में पहले स्थान पर आने वाले विजेता पहलवान को 3 लाख रुपए, दूसरे स्थान पर आने वाले पहलवान को 2 लाख, तीसरे स्थान पर आने वाले पहलवान को 1 लाख व चौथे स्थान पर आने वाले पहलवान को 75 हजार रुपए की राशि इनाम स्वरूप दी जाएगी। वहीं महिलाओं के हिंदु केसरी मुकाबले में पहला इनाम 1 लाख, दूसरा 51 हजार रुपए, तीसरा 35 हजार रुपए व चौथा इनाम 25 हजार रुपए दिया जाएगा। पुरुषों के सभी भार वर्ग में पहला इनाम 31 हजार रुपए, दूसरा इनाम 25 हजार रुपए व तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतिभागी को 15 हजार रुपए की इनामी राशि दी जाएगी। वहीं महिलाओं के सभी भार वर्ग में पहला इनाम 25 हजार रुपए, दूसरा 15 हजार रुपए व तीसरा इनाम 10 हजार रुपए दिया जाएगा। वहीं पुरुष टीम चैंपियनशिप में पहला इनाम 10 हजार रुपए, दूसरा 7 हजार रुपए व तीसरा 5 हजार रुपए दिया जाएगा। महिलाओं की टीम चैंपियनशिप में पहला 7 हजार रुपए, दूसरा 5 हजार रुपए व तीसरा 3 हजार रुपए दिया जाएगा।

स्व. गुरु रोशनलाल, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता के सपनों को साकार करेगी प्रतियोगिता

भारतीय शैली कुश्ती महासंघ (भारत) भारतीय कुश्ती संघ भारतीय शैली खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए कृत संकल्प है और समय-समय पर प्रतियोगिताएं आयोजित करके खिलाडिय़ों का उत्साह वर्धन करता रहता है। गौरव रोशन लाल ने कहा कि मेरे पिता का सपना था कि भारत कुश्ती के क्षेत्र में विश्व स्तर पर मजबूत स्थिति बनाए। मेरे पिता स्वर्गीय गुरु रोशनलाल जो की द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता थे उन्होंने भारतीयशैली कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए देशभर में कार्य किए।

भारतीय शैली कुश्ती भारतीय परंपराओं से जुड़ी कुश्ती है जिसे वे बखूबी समझते थे इस धरोहर को बचाने में उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिए। उन्होंने कहा कि भारतीय शैली कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए संघ निरंतर प्रयासरत है और इसको लेकर भी पूरे देश भर में बैठक आयोजित करके लोगों को जागरूक किया जाता रहता है। भारतीय कुश्ती शैली प्राचीन काल के समय से चली आ रही है। जिसके तहत मिट्टी की कुश्ती होती है। यह बहुत ही पुरानी खेल पद्धति है। जिसके बाद ही खिलाड़ी या पहलवान दूसरी कुश्तियों में अपना दमखम दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी भारतीय शैली कुश्ती महासंघ, पहलवानों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता रहेगा और पहलवानों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, ताकि आने वाले युवा पहलवानों को प्रेरणा मिल सके और उनका रुझान भारतीय शैली कुश्ती के तरफ बढ़ सके।

डब्ल्यूएफआईएसडब्ल्यू का गठन

भारतीय शैली कुश्ती की विश्व संस्था का गठन (यूडब्लूडब्लू) यूनाइटेड वर्ल्ड रैसलिंग से समझौता होने के पश्चात भारतीय शैली कुश्ती का परचम पूरी दुनिया में फहरेगा। यह सपना द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता स्वर्गीय रोशन लाल ने देखा था अब जाकर तमाम प्रयासों के बाद उनका सपना पूरा हुआ है। भारतीय शैली कुश्ती विश्व भर में होगी और इसके साथ ही विदेशों में भी भारतीय शैली कुश्ती की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। भारत के लिए गर्व का विषय है कि भारतीय शैली कुश्ती को मान्यता अब विदेशों में भी मिल गई है।

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Amit Sood

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