इशिका ठाकुर, Haryana (Holstein Friesian Cow) : हरियाणा में किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं और पशुपालन में हरियाणा के पशुपालक बुलंदियों को छू रहे हैं, जिससे वह अपने प्रदेश और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसे ही एक पशुपालक पोरस मैहला कुरुक्षेत्र के गांव मिजार्पुर का रहने वाला है, जिसका गुलाबगढ़ गांव के पास डेयरी फार्म है और पोरस की गाय ने एक दिन में 72 लीटर दूध देकर भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय का रिकॉर्ड इस वर्ष हासिल किया है, जिससे उनको ईनाम के तौर पर 7 से 8 लाख की कीमत का ट्रैक्टर मिला है।
पशुपालक पोरस मैहला ने बताया कि वह पिछले 40 वर्षों से गाय का डेयरी फार्म चला रहे हैं। पहले उनके पिताजी इसकी देख-रेख किया करते थे, लेकिन 2015 से वह खुद इसकी देखभाल कर रहे हैं। पोरस के पास लगभग 200 पशु हैं, जिसके रहने के लिए उन्होंने 3 एकड़ में डेयरी फार्म बनाया हुआ है और गाय के चारे के लिए 30 एकड़ जमीन में हरी घास बरसिम लगाई हुई है।
उन्होंने बताया कि पहले वह सिर्फ ब्रैडिंग और दूध बेचने का काम करते थे, पहली बार ही वह एशिया की सबसे बड़ी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पंजाब के लुधियाना में गए थे, जहां पर उनकी गाय 1 दिन में 72 लीटर दूध देकर भारत की 1 दिन में सबसे जायदा दूध देने वाली गाय बन गई। यह प्रतियोगिता हर वर्ष होती है जिसमें हजारों की संख्या में देशभर से पशु भाग लेते हैं। पिछले वर्ष जो गाय पूरे भारत में दूध देने में नंबर वन आई थी, उस गाय को उन्होंने हराकर पहला नंबर का खिताब हासिल किया है।
पशुपालक ने बताया कि उनके पास रोजाना 1500 से 1600 लीटर दूध होता है। यह गाय होल्सटीन फ्रिसियन नस्ल की है जिसकी उम्र 7 वर्ष है। इस गाय का वह दिन में तीन बार दूध निकालते हैं। इससे उसे दूध देने की परफॉर्म अच्छी बनी रहती है, क्योंकि अगर पशु का दूध दिन में दो बार निकालेंगे तो उससे उसमें स्ट्रेस आ जाएगा और उसे उसके दूध की क्वांटिटी कम हो जाएगी।
डेयरी फार्म पर सभी पशुओं को 8 वर्गों में बांटा गया है। उमर और उनके दूध इत्यादि के आधार पर ही उनको इन वर्गों में बांटा गया है। उन्होंने कहा कि वह अपने पशुओं को खुले में ही रखते हैं, ताकि पशुओं में कोई स्ट्रेस न आए। जितना पशु खुला घूमेगा, उतना ही ज्यादा वह स्वस्थ रहेगा।
इस गाय को खाने के लिए वह मक्की का बनाया सायेलेज, हरा चारा व सूखा चारा मिलाकर एक समय में करीब 20 किलो देते हैं। उनको 10 किलो फीड व 8 किलो मिनरल फीड देते हैं जो कई चीजों को बनाकर बनी हुई होती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने फार्म पर एक एक्सपर्ट पशु चिकित्सक को भी रखा हुआ है, ताकि पशु की समय पर देखरेख होती रहे। उन्होंने कहा कि पशुओं को फिर और जो नेचुरल चारा होता है, वह अच्छी गुणवत्ता का देना चाहिए, इससे वह अपने पशुओं को तंदुरुस्त रख सकते हैं और उससे उनके दूध में भी बढ़ोतरी होती है।
वहीं जब पोरस से उक्त गाय की कीमत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी कोई कीमत नहीं है, यह अनमोल पशु है, क्योंकि इसने उनको हरियाणा नहीं, पूरे देश में गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि अगर पशुपालक अपने पशुओं का सही तरीके से रख-रखाव करें तो उनका भी ऐसा पशु तैयार हो सकता है।
पोरस मैहला ने कहा कि वह हरियाणा में डेयरी फार्म को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश स्तर की एक डेयरी फार्म एसोसिएशन के नाम से संस्था चला रहे हैं, ताकि हरियाणा में डेयरी फार्म को और ज्यादा बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि आने वाला समय डेयरी फार्म भरो के लिए काफी अच्छा है, क्योंकि डेरी फार्मर काफी प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा जो देश छोड़कर विदेशों की तरफ रुख कर रहे हैं, उनको डेयरी फार्म में अपना हाथ आजमाना चाहिए, अगर थोड़ी मेहनत करेंगे तो प्रणाम जरूर अच्छे आएंगे।
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