इंडिया न्यूज, Uttarkhand (Joshimath Crisis) : जोशीमठ शहर के सिंहधार में 2 और 3 जनवरी की मध्यरात्रि में कई घर ढह गए और जमीन भी कई इंच नीचे ढह चुकी है। हालांकि इन घटनाओं में किसी की जान नहीं गई। सूत्रों के मुताबिक कई घरों और पास के एक मंदिर में दरारें इतनी चौड़ी होने लगीं कि वे आखिरकार ढह गई।
एक स्थानीय नागरिक हरीश ने कहा 2 जनवरी को रात्रि 2.30 बजे था जब हम सो रहे थे। दीवारों पर दरारें खुलते ही हमने शोर सुना और कंक्रीट के बड़े टुकड़े गिरने लगे। जिस कारण हम एकदम सहम गए। अगले दिन हमें पास के एक सरकारी स्कूल में ठहरा दिया गया। इस घटना में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और घरेलू सामान नष्ट हो गए। लेकिन शुक्र कि किसी की जान नहीं गई। मनोहर बाग के कुछ होटलों में भी बड़ी दरारें आई हैं।
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एक अन्य स्थानीय निवासी, ऋषि देवी ने कहा कि उनके आवास में दरारें पड़ गई थीं, लेकिन नगरपालिका ने यह कहते हुए कार्रवाई करने से इनकार कर दिया कि उन्हें उच्च अधिकारियों से कोई आदेश नहीं मिला। हमने नगर पालिका से मदद के लिए अनुरोध किया लेकिन दो दिनों के अंतराल में हमारा और अन्य के घर गिर गए। पास का एक मंदिर भी गिर गया। हमारे मवेशी लापता हो गए। अब मेरे दोनों बेटे बेरोजगार हैं।
वहीं भू-धंसाव से एशिया के सबसे बड़े जोशीमठ-औली रोपवे की प्लेटफार्म पर दरारें आ गई हैं। जिस कारण रोपेव का संचालन फिलहाल बंद कर दिया गया है। कल शुक्रवार रात को रोपवे पर ये दरारें आई हैं। रोपवे का एक टावर प्रशासन की ओर से असुरक्षित घोषित किया गया है।
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