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Monsoon 2024 Update : भारत मौसम विभाग ने की केरल और पूर्वोत्तर भारत में मानसून की एंट्री की पुष्टि,  जानिए कहां, कब होगी मानसून की एंट्री 

• LAST UPDATED : May 30, 2024
  • पूर्वानुमान से दो दिन पहले ही केरल में मानसून की हो गई एंट्री
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Monsoon 2024 Update : भारत मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार को केरल और पूर्वोत्तर भारत में मानसून की एंट्री की पुष्टि कर दी है। आईएमडी के मुताबिक, पूर्वानुमान से दो दिन पहले ही केरल में मानसून की एंट्री हो गई है और जून से सितंबर तक सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है।पिछले सात साल में यह पहली बार है जब मॉनसून पूर्वानुमान से पहले ही एंट्री कर गई है।

पूर्वानुमान से पहले इसकी एंट्री देश के लिए कैसे गुड न्यूज

आखिरी बार 30 मई 2017 को मानसून पूर्वानुमान से पहले दस्तक दी थी। हालांकि, केरल और पूर्वोत्तर भारत में पिछले कुछ दिनों से प्री-मानसून बारिश हो रही है, लेकिन मौसम विभाग ने सभी शुरुआती मापदंडों को पूरा करने के बाद ही मानसून की एंट्री की घोषणा की है। इस तरह से इस साल मानसून पूर्वानुमान 1 जून की तुलना में दो दिन पहले ही दस्तक दे दी। आइए समझते हैं कि मानसून क्या है और पूर्वानुमान से पहले इसकी एंट्री देश के लिए कैसे गुड न्यूज है। इसके अलावा एक नजर हम इस पर भी डालेंगे कि मानसून यह कहां से आता है और कहां जाता है।

Monsoon 2024 Update : क्या है मानसून

नेशनल ज्योग्राफिक मैगजीन के अनुसार, मानसून किसी क्षेत्र की प्रचलित या सबसे तेज हवाओं की दिशा में होने वाला एक मौसमी परिवर्तन है। यह हमेशा ठंडे से गर्म क्षेत्रों की ओर बहता है। भारत में जून से सितंबर तक का मॉनूसन तब आता है जब दक्षिण-पश्चिम हिंद महासगर से गर्म और नम हवा भारतीय उपमहाद्वीप की ओर बढ़ती है।

मानसून के आगमन में भूमि और पानी के अलग-अलग तापमान मददगार साबित होते हैं। गर्मी के महीनों में जैसे ही भारतीय भूभाग गर्म होता है। गर्म हवा ऊपर उठती है। इससे कम दबाव का क्षेत्र बनता है जबकि हिंद महासागर में इसकी तुलना में ज्यादा तापमान होता है. चूंकि, प्रकृति (नेचर) निर्वात को पसंद नहीं करती है। ऐसे में यह समुद्र से जमीन की ओर हवाओं को धकेलना शुरू करती है, जिससे मानसून के आगमन की प्रक्रिया शुरू होती है।

देश की कृषि में इस मानसून की भूमिका काफी अहम

भारत एक कृषि प्रधान देश है और देश की कृषि में इस मानसून की भूमिका काफी अहम है। क्योंकि अधिकांश खरीफ फसल की बुआई जून और जुलाई के महीने में होती है। भारत में होने वाली कुल वर्षा का लगभग 70 प्रतिशत दक्षिण-पश्चिम मानसून में होती है। भारत की लगभग आधी कृषि भूमि वार्षिक जून-सितंबर की बारिश पर निर्भर है. कृषि क्षेत्र भारत की जीडीपी में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसके अलावा पीने के पानी और औद्योगिक उपयोग की जरूरतों को पूरा करने के लिए जलाशयों को भरने में भी दक्षिण-पश्चिम मानसून का अहम योगदान होता है।

राष्ट्रीय राजधानी में 27 जून तक मानसून आने की संभावना

माना जा रहा है कि जून के अंत तक मानसून दिल्ली पहुंच जाएगा। दिल्ली-NCR समेत पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है। ऐसे में भारत में मानसून की एंट्री से राहत की उम्मीद जगी है। मौसम पूर्वानुमान संबंधी वेबसाइट स्काईमेट के महेश पलावत का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में 27 जून तक मानसून आने की संभावना है। हालांकि, आईएमडी ने 31 मई से 2 जून तक दिल्ली में 25-35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ हल्की बारिश की भविष्यवाणी की है। वहीं, आईएमडी मुंबई के निदेशक का कहना है कि केरल पहुंचने के बाद मानसून को महाराष्ट्र खासकर मुंबई को कवर करने में 8-10 दिन लगेंगे।

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