इंडिया न्यूज, New Delhi (Independence Day 2022) : देश में ऐसा कोई नहीं होगा, जिसने स्वतंत्रता दिवस (Independence day) का नाम न सुना हो। बच्चा-बच्चा इस नाम से परिचित है। इस बार सरकार द्वारा यह पर्व आजादी के 75वें साल के रूप में मनाया जा रहा है। इस मौके पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देशभर में कई तरह के आयोजन होंगे।
केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) द्वारा इस वर्ष ‘हर घर तिरंगा अभियान’ (Har Ghar Tiranga Campaign) भी चलाया गया है, जिसको लेकर कई नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों के तहत अब आप अपने घर पर 13 से 15 अगस्त तक दिन या रात कभी भी तिरंगे को फहरा सकेंगे, लेकिन एक बात है कि उक्त पर्व स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया जाता है, ऐसा क्यों, आइए आपको इस बारे में पूरी जानकारी देते हैं।
देश के पहले स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, 1947 पर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (First Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru) ने दिल्ली लालकिले (Red Fort) में तिरंगा फहराया था। तभी से परंपरा चली आ रही है कि दिल्ली के लाल किले पर प्रधानमंत्रियों द्वारा ही देश की आन-बान-शान तिरंगा फहराया जाता है। इसी दौरान देश के प्रधानमंत्री अपना संबोधन देते हुए बताते हैं कि देश के वीरों की अनगिनत कुर्बानियों के बाद हमें आजादी मिली है। यह तिरंगा झंडा दर्शाता है कि हम एक स्वतंत्र भारत में रहते हैं।
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई वर्षों और महीनों के कड़े संघर्ष के बाद ब्रिटिश संसद ने लॉर्ड माउंटबेटन (Lord Mountbatten) को 30 जून, 1948 तक सत्ता हस्तांतरित करने का जनादेश दिया था, हालांकि माउंटबेटन ने इस तिथि को संशोधित कर 15 अगस्त, 1947 कर सत्ता सौंपने की तिथि घोषित कर दी थी। इसी के बाद देश में हर 15 अगस्त को भारत की आजादी का पर्व यानि स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इसी दिन से भारत के नियंत्रण की सभी बागडोर देश के नेताओं को सौंप दी गई थी।
वहीं स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी (First Indian Governor General c Rajagopalachari) ने भी इस बारे में जानकारी दी थी कि उक्त दिन इसलिए भी बदला गया, क्योंकि माउंटबेटन यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि उस दिन कोई रक्तपात, दंगा या हिंसा न हो, इसलिए माउंटबेटन ने तारीख को अगस्त 1947 में ही स्थानांतरित कर दिया।
माउंटबेटन द्वारा दी गई समीक्षा के बाद 4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश संसद के हाउस आफ कॉमन्स में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया गया था। 18 जुलाई 1947 को, भारत स्वतंत्रता अधिनियम 1947 को शाही स्वीकृति दी गई और भारत में ब्रिटिश शासन का अंत हो गया।
फ्रीडम एट मिडनाइट में लॉर्ड माउंटबेटन के हवाले से बताया गया कि मैंने जो तारीख चुनी वह अचानक ही थी। मान रहा था कि ये अगस्त या सितंबर माह हो सकता है। मैंने तुरंत 15 अगस्त कह दिया। इसके बाद ही भारत की आजादी के बिल में 15 अगस्त की तारीख तय की गई। भारत में अब हर 15 अगस्त को देश की आजादी का जश्न मनाया जाता है।
हरियाणा में सर्वप्रथम मुख्य सचिव संजीव कौशल ने स्वयं पैसे देकर झंडा खरीदने की शुरुआत की। उनके साथ ही मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने भी पैसे देकर झंडा खरीदा।
इस मौके पर कौशल ने कहा कि हरियाणा में लगभग 60 लाख घरों पर तिरंगा फहराया जाएगा। हरियाणा निश्चित रूप से देश का पहला ऐसा राज्य बनेगा, जिसके हर घर, हर सरकारी कार्यालय, निजी भवनों स्कूलों और व्यवसायिक संस्थानों पर झंडा फहराया जाएगा।
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