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Rajnath Singh : भारत-मालदीव के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे : राजनाथ सिंह

• LAST UPDATED : May 2, 2023

India News, (इंडिया न्यूज), Haryana GST Collection, नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को माले में एक कार्यक्रम में भारत की ओर से तोहफे के तौर पर मालदीव को एक तेज गश्ती पोत और एक नौका सौंपी। इसके साथ ही उन्होंने और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने पहले से ही घनिष्ठ द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों का विस्तार करने पर बातचीत की।

भारत-मालदीव का रिश्ता वास्तव में विशेष

द्वीप राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों की उपस्थिति में सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारत-मालदीव का रिश्ता “वास्तव में विशेष” है और यह पूरे क्षेत्र के अनुसरण के लिए एक मॉडल के रूप में विकसित हुआ है।

रक्षा मंत्री ने हिंद महासागर क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत, मालदीव और क्षेत्र के अन्य समान विचारधारा वाले देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। पोत सौंपने से संबंधित समारोह में सोलिह ने समुद्री गश्ती पोत को मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) में शामिल किया। सिंह ने कहा, “भारत-मालदीव का रिश्ता वास्तव में विशेष है। हमारे संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और हमने हमेशा जरूरत के समय एक-दूसरे का समर्थन किया है।”

हमारे संबंध पूरे क्षेत्र के अनुसरण के लिए एक मॉडल के रूप में विकसित हुए

रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध पूरे क्षेत्र के अनुसरण के लिए एक मॉडल के रूप में विकसित हुए हैं। उन्होंने कहा, “हिंद महासागर क्षेत्र से संबंधित चुनौतियों को दूर करने की दिशा में भारत, मालदीव और क्षेत्र के अन्य समान विचारधारा वाले देशों को अपना सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है।” सिंह ने कहा, “इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए एक सहयोगात्मक प्रयास सुनिश्चित करना चाहिए कि हिंद महासागर का समुद्री विस्तार शांतिपूर्ण हो और क्षेत्रीय समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए समुद्री संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो।”.

हिंद महासागर क्षेत्र में सामरिक प्रभाव बढ़ाने के चीन के बढ़ते प्रयासों के बीच भारत ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसियों में से एक को दो समुद्री वाहन सौंपे। सिंह ने कहा, “हम सहयोगात्मक संबंध बनाना चाहते हैं, जहां हम एक-दूसरे से सीख सकते हैं, एक साथ आगे बढ़ सकते हैं तथा सभी के लिए लाभ की स्थिति बना सकते हैं। हम आपको यह भी आश्वस्त करना चाहते हैं कि एमएनडीएफ और मालदीव का समर्थन करने की भारत की प्रतिबद्धता समय के साथ और बेहतर एवं मजबूत होगी।

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