इंडिया न्यूज, अंकारा (Indian Army in Turkey and Syria): तुर्की और सीरिया में आए भूकंप से हुई मौत का आंकड़ा जहां लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं मलबा हटाने और लोगों को बाहर निकालने का कार्य भी तेजी से जारी है। इस मुश्किल घड़ी में कई देश तुर्की और सीरिया की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। भारत ने भी अपने मिशन दोस्ती के तहत अनेक टीमें तुर्की और सीरिया भेजी हैं। इन टीमों में सेना की टीमें भी हैं जो वहां रात-दिन बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
भूकंप के बाद से ही भारतीय सेना की 60 पैराफील्ड अस्पताल की यूनिट तुर्किये व सीरिया में भूकंप से बचे लोगों की नि:स्वार्थ सेवा करने में अहम भूमिका निभा रही है। भारत की यह मेडिकल यूनिट दोनों देशों में फंसे लोगों को लगातार मदद पहुंचा रही है। इसी वजह से इसकी दुनिया में सराहना की जा रही है और यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी विभिन्न देशों में संकट के दौरान भारत सेवाएं दे चुका है।
1950 से 1954 के बीच कोरिया युद्ध के समय में भी 60 पैराफील्ड अस्पताल की यूनिट ने वहां देवदूत बनकर काम कर आम नागरिकों समेत 2,22,324 लोगों का इलाज किया था। दरअसल, भारत ने कोरियाई युद्ध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का समर्थन किया था और इसके तहत ही भारतीय सेना की मेडिकल यूनिट 60 पैराफील्ड अस्पताल की वहां तैनाती की गई थी। लेफ्टिनेंट कर्नल एजी रंगराज ने इसकी कमान संभाली थी।
एस जयशंकर ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था कि इस्केंडरन, हटे, औ तुर्किये में सेना के फील्ड ने अस्पताल में मेडिकल, सर्जिकल व इमरजेंसी वार्ड, एक्स-रे लैब और मेडिकल स्टोर चलाने के साथ काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने ट्विटर पर इसकी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा भी था कि तुर्किये के हटे में यह फील्ड अस्पताल भूकंप से प्रभावित लोगों का इलाज करेगा। उन्होंने कहा कि था कि चिकित्सा और महत्वपूर्ण देखभाल विशेषज्ञ और उपकरणों की हमारी टीम आपात स्थिति का इलाज करने की तैयारी में जुटी हुई है।
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