इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Influenza Virus Subtype H3N2 ) : पिछले कई साल से भारत सहित पूरे विश्व में कोरोना महामारी ने दहशत फैलाई हुई है। इससे पूरे विश्व में कई लाख लोगों की जान जा चुकी है। इसके साथ ही करोड़ों लोग इस भयंकर महामारी की चपेट में आ चुके हैं। अब किसी तरह से कोरोना पर तो हमारे देश में काबू पाया जा चुका है लेकिन इन दिनों करोना के साथ मिलता-जुलता वायरस लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में पिछले कुछ समय से कोरोना जैसा फ्लू फैल रहा है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार यह इन्फ्लूएंजा वायरस का एक सब-टाइप एच3एन2 फैल रहा है और दो से तीन माह से भारत के कई हिस्सों में लोगों में इसी स्ट्रेन के लक्षण मिले हैं। लोगों में इसलिए दहशत है, क्योंकि इस फ्लू से जूझ रहे मरीजों में कोरोना जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं।
हाल के दिनों में दिल्ली व आसपास के इलाकों से कई ऐसे मरीज अस्पताल पहुंचे हैं, जो 10-12 दिन से तेज बुखार व खांसी से परेशान हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बाकी सब-टाइप्स की तुलना में इस वैरिएंट (एच3एन2) के कारण लोग अस्पतालों में ज्यादा भर्ती होते हैं।
मेदांता हॉस्पिटल के आंतरिक चिकित्सा विभाग की सीनियर डायरेक्टर सुशीला कटारिया ने कहा कि एच3एन2 स्ट्रेन से संक्रमित मरीज को 2-3 दिन तक तेज बुखार रहता है। इसके अलावा शरीर में दर्द, सिरदर्द, गले में जलन व मरीज को लगातार दो सप्ताह तक खांसी होती है। मरीजों में वायरल फीवर के साथ, खांसी, सर्दी और ब्रॉन्काइटिस जैसी फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही हैं। इसी के साथ सीने में जकड़न व वायरल इंफेक्शन के केस भी सामने आ रहे हैं।
इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि सर्दी, जुकाम उबकाई व बुखार आदि ज्यादा दिन रहने पर लोग सोच-समझकर ही एंटीबयोटिक्स लें। डॉक्टरों को भी कहा गया है कि वे मरीजों के लक्षणों को देखकर ही इलाज दें और वे एंटीबायोटक्स प्रेस्क्राइब न करें। चिकित्सकों का मानना है कि जब भी मौसम बदलता है तो इस तरह के वायरस ज्यादा एक्टिव होते हैं। ऐसे हालात में हमें संभलकर रहना चाहिए। हमें किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुंरत किसी अच्छे चिकित्सक की सलाह अनुसार दवाएं लेनी चाहिए।