इंडिया न्यूज, Kerala News (INS Vikrant 2022) : भारतीय नौसेना के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि नौसेना में पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) शामिल हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इसे यहां एक कार्यक्रम में देश को समर्पित किया।
यह आईएनएस कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किया गया है जिस पर 20,000 करोड़ रुपए की लागत आई है। इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी। INS विक्रांत के कमीशनिंग समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल के कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में पहुंचे हैं। यहां नौसेना सेना के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मान दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां एक आयोजित कार्यक्रम में कहा कि यह आईएनएस विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है बल्कि यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रभाव, प्रतिभा, और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। अगर समंदर और चुनौतियां अनंत हैं तो भारत का उत्तर है विक्रांत।
वहीं इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने भी संबोधित किया और कहा कि भारतीय नौसेना हमेशा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संकटों में पहली प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। अब भारत की क्षमता और तेजी के साथ मजबूत होगी।
वहीं पीएम मोदी ने भारतीय नौसेना के नए झंडे का अनावरण कर दिया है। मालूम रहे कि भारतीय नौसेना के वर्तमान ध्वज के ऊपरी बाएं कोने में तिरंगे के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस है। 2 अक्टूबर, 1934 को नौसेना सेवा का नाम बदल लिया गया था और इस रॉयल इंडियन नेवी का नाम दे दिया गया था। 26 जनवरी, 1950 को भारत के गणतंत्र दिवस पर उक्त रॉयल को हटाकर भारतीय नौसेना का नाम घोषित कर दिया गया।
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