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International Gita Festival : गीता में दिया गया संदेश हर मानव के लिए वर्तमान समय की जरूरत : मनोहर लाल

• LAST UPDATED : April 28, 2023
  • मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को वर्चुअली किया संबोधित

India News, इंडिया न्यूज, International Gita Festival, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) के श्रीमद्भगवद्गीता के सार्वभौमिक ज्ञान को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए किए जा रहे समर्पित प्रयासों के फलस्वरूप इस बार ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया जा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा के फेडरल पार्लियामेंट में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के उद्घाटन (ओपनिंग सेरेमनी) अवसर पर आज वर्चुअली मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय में जब पूरा संसार युद्ध, आतंकवाद, हिंसा व तनाव का सामना कर रहा है, गीता में दिया गया विश्व शांति, प्रेम और भाईचारा का संदेश हर मानव के लिए वर्तमान समय की जरूरत है।
International Gita Festival

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आयोजन में सहयोग करने वाली सभी संस्थाओं का हार्दिक धन्यवाद

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी भारतीयों विशेषकर हरियाणावासियों के लिए यह गर्व की बात है कि ऑस्ट्रेलिया की स्वयंसेवी संस्थाओं और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त प्रयासों से ऑस्ट्रेलिया की पावन धरा पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया है। इस आयोजन में सहयोग करने वाली सभी संस्थाओं का हार्दिक धन्यवाद।

गीता ऐसा अलौकिक प्रकाश पुंज

गीता ग्रन्थ

मनोहर लाल ने कहा कि गीता एक ऐसा अलौकिक प्रकाश पुंज है, जो काल, देश और सीमाओं से परे है, जो सर्वकालिक, सार्वभौमिक और चिरस्थायी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि श्रीमद्भगवद्गीता जीवन के विभिन्न पहलुओं के लिए सार्थक है। उनके मार्गदर्शन से हरियाणा सरकार गीता के इस ज्ञान को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए प्रयास कर रही है। हरियाणा के गृह एवं स्वास्‍थ्य मंत्री ‌अनिल विज के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए गया हुआ है। प्रतिनिधिमंडल में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, पानीपत से विधायक महिपाल ढांडा शामिल हैं।

जिस कुरुक्षेत्र कीधरा पर गीता का संदेश गया, उस प्रदेश का मुख्यमंत्री होने का मुझे गर्व

मनोहर लाल ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं महान भारत के उस छोटे से प्रदेश हरियाणा का मुख्यमंत्री हूं, जहाँ कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने 5160 वर्ष पहले गीता के माध्यम से कर्म योग का अमर संदेश दिया था, जो सदियों तक मानव का मार्गदर्शन करता रहेगा। गीता में कुरुक्षेत्र को धर्मक्षेत्र की संज्ञा दी गई है। सर्व धर्म सद्भाव की यह पावन धरा देश विदेश के लोगों का तीर्थ स्थल है। उन्होंने इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ऑस्ट्रेलिया के लोगों ने गीता के प्रति जो आस्था एवं श्रद्धा और उत्साह दिखाया है, उनका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। उन्होंने गीता की पावन भूमि कुरुक्षेत्र आने का भी निमंत्रण दिया।

गीता कर्मयोग का शास्त्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता मनुष्यों को अपना कर्तव्य सही ढंग से निभाने, न्यायपूर्ण कर्म करने और सामाजिक व्यवस्थाओं की पालना करने के लिए प्रेरित करती है। गीता में कर्तव्य पालन और कर्म करने पर ज़ोर दिया गया है, इसलिए गीता को कर्मयोग का शास्त्र भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि गीता के श्लोक में कहा गया कि कर्म करो और फल की चिंता मत करो। उन्होंने कहा कि गीता में भगवान श्रीकृष्‍ण ने यह भी संदेश दिया है कि मनुष्य को अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि सब कुछ उस परमात्मा में निहीत है। गीता का यह संदेश यदि विश्व के सभी लोग समझ लें तो फिर सभी प्रकार की समस्याएं खत्म हो जाएंगी और सारा संसार एक परिवार हो जाएगा।

21वीं सदी की सभी समस्याओं का हल श्रीमद्भगवद्गीता में निहित

मुख्यमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी की सभी समस्याओं का हल श्रीमद्भगवद्गीता में निहित है। भगवान श्रीकृष्ण की अमरवाणी में गीता में श्रेष्ठ समाज बनाने के उपाय दिये हुए हैं। इसके पाठ और प्रयोग में हम ऐसा समाज बना सकते हैं, जहाँ प्रत्येक व्यक्ति आनंदित एवं सुखी हो सकता है। इसके पाठ एवं आचरण से एक साधारण आदमी उत्कृष्ट व्यक्ति बन सकता है।

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