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International Gita Mahotsav 2023 : गौ रक्षा के लिए गुजरात से आई महिलाओं ने पंचगव्य को बनाया स्वयं रोजगार

BY: • LAST UPDATED : December 12, 2023

इशिका ठाकुर, India News (इंडिया न्यूज़), International Gita Mahotsav 2023, चंडीगढ़ : गौ रक्षा के लिए गुजरात की महिलाओं ने पंचगव्य को स्वयं रोजगार बनाया है। जी हां, अब ये महिलाएं गाय के पंचगव्य से बना सामान गीता जयंती उत्सव में लेकर पहुंची हैं। बता दें कि इससे न केवल गौ रक्षा बल्कि महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन रही हैं। गाय को हिंदू धर्म में मां का दर्जा दिया गया है।

यह माना गया है कि गाय में सभी देवी देवताओं का आवास होता है, इसीलिए सरकार व कई संस्थाएं गौ रक्षा को लेकर कार्य करती नजर आती हैं। अब गुजरात की कुछ महिलाओं ने गौ रक्षा के लिए ही एक नया उपाय निकाला है। यह महिलाएं गाय के पंचगव्य से घर में इस्तेमाल किया जाने वाला विभिन्न प्रकार का समान तैयार कर रही हैं और इस सामान की प्रदर्शनी कुरुक्षेत्र गीता जयंती महोत्सव पर भी लगाई गई है।

पंचगव्य से बना रहे समान

सिमरन आर्य वह महिला जो मुख्य रूप से इस स्टॉल को संभाल रही हैं, उनका कहना है कि वह मुख्य रूप से गुजरात की रहने वाली हैं और पानीपत में दूसरी महिलाओं के साथ मिल पंचगव्य से घर में इस्तेमाल किए जाने वाला समान तैयार कर रही हैं।

उनका मानना है कि यह गौ रक्षा में भी लाभकारी है, क्योंकि लोग अक्सर दूध न देने वाली गायों को सड़क पर भटकने के लिए छोड़ देते हैं या फिर उन्हें कुछ ऐसे लोगों के हाथों में बेच देते हैं जो आगे जाकर गाय की हत्या कर उसका मांस बाजार में बेचते हैं। उन्होंने कहा कि पंचगव्य से बना सामान स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी है। वह जो भी सामान तैयार कर रही हैं उसमें गाय के दूध, दही, घी, छाछ के साथ-साथ गोमूत्र और गाय के गोबर का भी इस्तमाल किया जाता है। यह सभी सामान महिलाओं के द्वारा तैयार किया गया है जिससे महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है।

महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कारगर हो रहा हैँ उनका प्रयास

सिमरन आर्य ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य यह है कि गाय को बचाया जाए, लेकिन उसके साथ वह इस काम पर भी जोर दे रही है कि जो महिलाएं अपने घर में रहकर अपने परिवार के लिए काम कर रही हैं वह अपने खाली समय में उनके साथ मिलकर काम करें और खुद को स्वावलंबी बनाएं, ताकि उनको किसी के ऊपर आत्मनिर्भर न होना पड़े और उसके अच्छे परिणाम भी उनको मिल रहे हैं।

165 महिलाएं उनके साथ मिलकर कर रहीं काम, निशुल्क देते हैं ट्रेनिंग

उन्हाेंने यह भी बताया कि उनके साथ 162 महिलाएं काम कर रही हैं जिनमें से ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो उनसे काम सीखकर खुद का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जो भी महिला यह काम सीखना चाहती है वह हमारे साथ मिलकर काम कर सकती हैं और उनको फ्री में पंचगव्य से बने सामान बनाने की पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। ऐसी सैकड़ों महिलाएं हैं जो उनके द्वारा काम सीखकर अपना खुद का काम कर रही हैं।

बिना केमिकल के कर रहे खुद का समान तैयार, पर्यावरण पर नहीं पड़ता असर

गाय से जुड़े हुए जितने भी उत्पाद वह बना सकते हैं, वह सभी उत्पाद बना रहे हैं और सभी उत्पाद बिना केमिकल के होते हैं जिसके चलते उसका डीकंपोज भी आसानी से किया जाता है जिससे वातावरण पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता। एक प्रकार से पर्यावरण के लिए भी ये काफी अच्छे होते हैं। उन्होंने कहा कि वह पंचगव्य से दीये, अगरबत्ती, मूर्ति और भी कई प्रकार के समान बनकर तैयार कर रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर खूब हो रही पंचगव्य से बने सामान की बिक्री

जो सामान वह बना रहे हैं अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर आए पर्यटकों के द्वारा उसनको खूब पसंद किया जा रहा है, अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर वह दूसरी बार आए हैं, लोगों का काफी प्यार मिल रहा है और लोग उनके सामान की खूब खरीदारी भी कर रहे हैं।

एक बार उनके प्रोडक्ट प्रयोग करके जरूर देखें, अच्छे लगे तो पैसे बाद में दे देना, अगर किसी के पास कम पैसे होते हैं और उनके प्रोडक्ट महंगे होते हैं तो उनसे वह कम पैसे भी ले लेते हैं अगर उनको उनका प्रोडक्ट पसंद आता है तो वह अपनी इच्छा अनुसार बाद में पैसे भेज सकते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य है कि वह लोगों को बताएं कि पंचगव्य से हम क्या-क्या बना सकते हैं, ताकि प्रत्येक इंसान अपने घरों में गाय को पाले जिसे गौ संरक्षण पर काम किया जा सके।

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