India News (इंडिया न्यूज), International Women Summit in Faridabad, चंडीगढ़ : हरियाणा में महिला सेफ्टी हमेशा से एक गंभीर मुद्दा रहा है। सरकार व पुलिस विभाग द्वारा इस दिशा में उठाए कदम नाकाफी साबित हो रहे हैं। पुलिस के अलावा महिला आयोग भी महिलाओं की सुरक्षा व अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर काम कर रहा है। ये भी निरंतर सामने आया है कि अपराधियों पर लगाम लगाने के अलावा लोगों को भी महिला सुरक्षा व हितों के बारे में जागरूक करना जरूरी है। साथ ही महिलाओं को भी इस बात का आभास व इलम होना चाहिए कि वो अपने हितों, अधिकारियों व सेफ्टी को किन प्रयासों व कामों के द्वारा सुनिश्चित कर सकती हैं।
इसी कड़ी में महिला आयोग द्वारा 11-12 जनवरी को फरीदाबाद में इंटरनेशनल वूमन समिट का आयोजन किया जा रहा है। ये देश का अपने आप में पहला व अनूठा आयोजन होगा, जिसमें महिलाओं के अधिकारों व मसलों पर एक बड़े मंच पर मंथन होगा। इस आयोजन में बतौर एक्सपर्ट दुनियाभर से महिलाओं के मामलों में व्यापक जानकारी व विशेषज्ञता रखने वाली महिला हस्तियों को बुलाया गया है।
महिलाओं के साथ अपराध के मामलों की बात करें तो हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराध की हर महीने करीब एक हजार घटनाएं घटित हो रही हैं। इनमें छोटे-मोटे अपराध के अलावा जघन्य अपराध की वारदात भी व्यापक पैमाने पर शामिल हैं। महिलाओं के साथ मारपीट, छेड़खानी और प्रताड़ना तो बेहद आम सी बात हो गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल पहले 11 महीने में महिलाओं के साथ 900 से ज्यादा रेप की घटनाएं रिपोर्ट हो चुकी हैं जो साफ दर्शाता है कि हालात गंभीर है।
हरियाणा में बढ़ता क्राइम हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। खासकर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं। अहम बात है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में एनसीआर में आने वाले हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले सबसे ऊपर हैं, जहां महिलाएं कम सुरक्षित हैं। हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराध के व्यापक मामले रिपोर्ट हो रहे हैं।
आधिकारिक आंकड़ों में सामने आया है कि साल 2023 नवंबर माह तक हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराध की कुल 10946 घटनाएं रिकॉर्ड पर आई हैं। इस लिहाज से हर महीने 995 और हर रोज 30 से 35 मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। आंकड़ों से साफ पता चलता है कि महिलाएं सुरक्षित नहीं है। महिलाओं के खिलाफ अपराध में उनके साथ घरेलू हिंसा, प्रताड़ना, यौन शोषण, मारपीट से लेकर दहेज की डिमांड, रेप और गैंगरेप जैसी गंभीर शिकायत रिपोर्ट हो रही हैं। ऐसे में जरुरत है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध पर लगाम लगाई जाए।
प्रदेश में महिलाओं की सेफ्टी व अधिकारों को लेकर कई जिलों में हालात चिंताजनक हैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार व अपराध के सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं। हरियाणा का गुरुग्राम जिला इस मामले में सबसे ऊपर है जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध की करीब एक हजार घटनाएं रिपोर्ट हुई जो कि कुल घटनाओं करीब साढ़े आठ फीसद है। वहीं साथ लगते फरीदाबाद जिले में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है। जिले में पिछले साल 8 सौ से ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए।
इस लिहाज से दोनों जिलों में संयुक्त रूप से करीब 16 फीसदी मामले रिपोर्ट हुए हैं। दोनों जिलों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों से साफ है कि यहां पुलिस को अतिरिक्त इंतजाम करने की जरूरत है। प्रदेश के कई और जिले ऐसे हैं जहां महिलाओं के साथ किसी भी तरह के अपराध की घटनाएं निरंतर रिपोर्ट हो रही हैं।
करनाल, पानीपत, सोनीपत में भी हालात ठीक नहीं हैं। वहीं ये भी बता दें कि जिन जिलों का बाहरी राज्यों से बॉर्डर लगता है, वहां अपराध की ज्यादा वारदात सामान्य की तुलना में रिपोर्ट हो रही हैं। वहीं ये भी बता दें कि प्रदेश सरकार ने क्राइम की घटनाओं को रोकने के लिए दो पुलिस जिले भी बना रखे हैं। इनमें हांसी व डबवाली जिला शामिल हैं
वहीं इस बारे में महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया का कहना है कि आयोग का उद्देश्य महिला हितों व सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इंटरनेशनल समिट इसी प्रयास का हिस्सा है। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे और समापन समारोह में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे। समिट में महिला से जुड़े मुद्दों पर महिला एक्सपर्ट्स अपने विचार व जानकारी साझा करेंगे।
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