इंडिया न्यूज, (Punjab Internet) : पंजाब में अमृतपाल सिंह मामले में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए गत दिनों से पंजाब के कई इलाकों में इंटरनेट बंद है लेकिन ताजा जानकारी के अनुसार राज्य के गृह विभाग द्वारा आज दोपहर 12 बजे इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी, जबकि कुछ जिलों में फिरोजपुर, तरनतारन, मोगा और संगरूर में इंटरनेट पूरी तरह बंद रहेगा, जबकि अजनाला और मोहाली के कुछ इलाके 23 मार्च तक प्रभावित रहेंगे।
वहीं पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि जो भी झूठी अफवाहें फैलाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पंजाब पुलिस ने कहा कि जो भी झूठी अफवाहों में संलिप्त पाया गया, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। मालूम रहे कि पंजाब पुलिस ने अजनाला थाने पर हमला करने से जुड़े एक केस में आखिर खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ शनिवार को बड़ा एक्शन लिया। पुलिस द्वारा अमृतपाल के 6 साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन अमृतपाल सिंह फरार हो गया।
पुलिस ने कहा कि उनके किसी भी काम में विघ्न न डाला जाए। लॉ एंड आर्डर स्थिति को कायम रखा जाए। पंजाब में बठिंडा, फिरोजपुर, संगरूर, अमृतसर के आस-पास के इलाके में कल 12 बजे तक इंटरनेट की सेवा ठप्प रहेगी। इसलिए लोग शांति बनाए रखें।
आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं। इनमें दो अजनाला थाने में हैं। पुलिस काफी समय से अमृतपाल को काबू करने की तैयारी में थी। आज अमृतपाल सिंह की ओर से जालंधर शाहकोट मलसियां में खालसा वहीर को निकाला जाना था। इसी कारण काफी संख्या में समर्थक यहां एक गुरुद्वारे में इकट्ठे हो रहे थे। वहीं पुलिस में उनका लगातार घेराव में थी। इस दौरान पुलिस ने अमृतपाल की दो गाड़ियों में सवार 6 लोगों को तो पकड़ लिया, जबकि अमृतपाल अपनी मर्सिडीज से फरार हो गया गया था। वहीं जो साथी पकड़े गए थे, उनके पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं।
आपको याद दिला दें कि पिछले अभी गत माह ही 23 फरवरी को खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला बोल दिया था। इनके हाथों में हथियार भी थे। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी को लेकर कड़ा विरोध कर रहे थे। इसी कारण दल ने थाने पर हमला बोला था।
अमृतपाल सिंह के बारे बता दें कि यह पंजाब के जिला अमृतसर के गांव जल्लूपुर खेड़ा निवासी है। वह 2012 में काम के सिलसिले में ही दुबई गया था लेकिन वहां से सितंबर 2022 को भारत लौटा। सितंबर महीने में ही उसे खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बनाया गया था।