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Jaipur Blast: जयपुर ब्लॉस्टः दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, एटीएस अफसरों की इंक्वायरी पर लगाई रोक

• LAST UPDATED : May 17, 2023

India News (इंडिया न्यूज),Jaipur Blast, दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में राज्य सरकार की अर्जी को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट की इंक्वायरी पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को नोटिस भेजा है। एटीएस अधिकारियों के खिलाफ इंक्यायरी नहीं होगी। राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से यह बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी।

विस्फोटों में 71 लोग मारे गए थे

सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई करेगा। राजस्थान उच्च न्यायालय ने 29 मार्च को इस मामले में चार आरोपियों को मौत की सजा देने के निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया था और जांच एजेंसियों को उनकी घटिया जांच के लिए फटकार लगाई थी। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। सरकार की याचिक पर दोषियों को नोटिस जारी किया है। उल्लेखनीय है कि जयपुर में 13 मई, 2008 को माणक चौक खांडा, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक कई बम धमाके हुए थे। इन विस्फोटों में 71 लोग मारे गए और 185 घायल हो गए थे।

आतंकियों के बरी होने के बाद से बीजेपी लगातार गहलोत सरकार पर हमलावर है। जयपुर ब्लास्ट केस में मौत की सजा पाए आरोपियों के बरी होने के मामले के तूल पकड़ने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने कमजोर पैरवी पर एडिशनल एडवोकेट जनरल राजेंद्र यादव को तत्काल हटा दिया था। आतंकियों के बरी होने के फैसले के बाद बीजेपी ने गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लगाए। यह कहा गया कि सरकार ने जानबूझकर आरोपियों के खिलाफ पैरवी नहीं की। और इसी के चलते सभी आरोपी बरी हो गए।

दरअसल, तीन साल पहले विशेष अदालत ने जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में 4 आतंकियों को दोषी करार दिया था। एक आरोपी शहबाज हुसैन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। मई 2008 को परकोटे में 8 जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इनमें 71 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 185 जख्मी हुए थे। कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी पाया था। जिन्हें राजस्थान हाईकोर्ट ने दोषमुक्त करार दे दिया था।

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