इंडिया न्यूज, Rajasthan : जिला जयपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। फिलहाल मामला काफी सुर्खियों में चल रहा है, जिसको भी इस बारे में पता चलता है तो असंमजस में पड़ जाता है।
जी हां, दो जुड़वा भाइयों की कहानी जयपुर के सावरदा की है, जहां 1933 में एक परिवार में दो जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया था। दोनों का नाम भी बड़ा दिलचस्प यानि सूरज और चांद रखा गया था।
देखने में दोनों भाई एक जैसे लगते थे। जहां दोनों के हाव-भाव सेम थे वहीं रहन-सहन और बोल-चाल में भी एक जैसे ही थे। इन भाइयों के बारे में कहा जाता है कि अगर इन दोनों भाइयों में कोई बीमार हो जाता था तो दूसरे भाई को भी अस्पताल भर्ती कराना पड़ जाता था। गांव में अक्सर लोग उन्हें करण-अर्जुन के नाम से पुकारते थे।
दोनों जुड़वा भाइयों में काफी प्यार देखा गया है। उन्होंने शादी भी दो सगी बहनों से एक ही मंडप में की थी। दोनों बहनें जयपुर के हरमाड़ा की रहने वाली थीं। दोनों भाइयों के 11 बच्चे हैं। सूरज 3 और चांद 8 बेटों के पिता थे।
इस रविवार ही बड़े भाई सूरज की मौत हो गई थी। छोटे भाई को पता न चले जिस पर सूरज का अंतिम संस्कार कर दिया गया, सोमवार को छोटे भाई चांद को जब किसी से जानकारी मिली तो वह सदमा सहन नहीं कर पाया और उसकी भी मौत हो गई। दो दिन में ही दो भाइयों की मौत से हर कोई हैरान है। परिवार ही नहीं गांव में भी अब मातम पसरा हुआ है।
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