India News (इंडिया न्यूज), Jalandhar Lok Sabha by-election, जालंधर : जालंधर लोकसभा उपचुनाव में प्रचार अंतिम दौर में है। आज शाम 5 बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा। इसके बाद न रोड शो होगा और न ही चुनावी रैली। बस नेता डोर-टू-डोर जाकर मतदाताओं का मान मनोवल कर सकेंगे। जालंधर लोकसभा सीट को कांग्रेस के गढ़ के रूप में देखा जाता है। यहां कांग्रेस ने 13 बार जीत दर्ज की है। यह वो सीट है जहां पर पूरे देश में मोदी की लहर के बीच भी संतोख सिंह ने जीत का सेहरा कांग्रेस के सिर बांध दिया था।
इस सीट से वे लगातार दो बार 2014 और 2019 में उस दौर में जीते जब पूरे देश में मोदी की लहर थी। लेकिन इस उपचुनाव में कांग्रेस चुनाव प्रचार में पिछड़ती हुई दिखाई दे रही है। आम आदमी पार्टी जहां पूरे दमखम के साथ चुनाव प्रचार में डटी रही वहीं भाजपा ने भी अपने लोकल और केंद्रीय नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारे रखा। इसके उलट कांग्रेस हाईकमान की तरफ से दिल्ली से कोई भी नेता चुनाव प्रचार करने जालंधर नहीं पहुंचा दूसरा राज्य के सभी प्रमुख नेता चुनाव प्रचार तो करते रहे लेकिन सभी ने पार्टी कैंडिडेट कर्मजीत कौर या फिर पार्टी की बात न करके अपनी बात करने पर जोर दिया।
कांग्रेस आलाकमान का पूरा फोकस कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर रहा। वहां पर कांग्रेस ने सभी प्रमुख नेता प्रचार के लिए पहुंचे। इतना ही नहीं कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी या फिर सोनिया गांधी का कोई भी बयान जालंधर लोकसभा उपचुनाव लड़ रही अपनी प्रत्याशी कर्मजीत कौर के लिए नहीं आया। दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस का बिखराब एक बार फिर से खुलकर सामने आ गया। हालांकि एक मौका ऐसा आया जब प्रत्याशी कर्मजीत कौर का नामांकन भरवाने के लिए सभी प्रदेश नेता एकसाथ नजर आए।
उसके बाद प्रचार में सभी तरफ कांग्रेस बिखरी नजर आई। जबकि दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल स्वंय अपने उम्मीदवार के लिए प्रचार करने जालंधर पहुंचे। इसके साथ ही सीएम के साथ-साथ अन्य शीर्ष नेताओं ने भी अपने प्रत्याशी के प्रचार में पूरा जोर लगा दिया। भाजपा ने भी स्थानीय नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय नेता हरदीप पुरी और अनुराग ठाकुर को जालंधर चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झौकने के लिए कई दिन पहले ही पंजाब भेज दिया था।
जालंधर लोकसभा सीट पर चुनाव तय समय से 11 महीने पहले हो रहा है। दरअसल जालंधर लोकसभा सीट से 2014 के बाद 2019 में भी कांग्रेस के संतोख सिंह चौधरी चुनाव जीते थे। इसी साल 14 जनवरी को वह जालंधर की तरफ आ रही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे। इसी दौरान राहुल के साथ पैदल चलते हुए 76 साल के सांसद चौधरी संतोख सिंह का निधन हो गया। जिसके चलते इस सीट पर उपचुनाव करवाया जा रहा है। कांग्रेस ने इस उपचुनाव के लिए संतोख सिंह की पत्नी कर्मजीत कौर को अपना प्रत्याशी बनाया है।
इस लोकसभा उपचुनाव की बात करें तो सीधा मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में देखा जा रहा है। दोनों पार्टियों के लिए ही यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। यह लोकसभा सीट जहां शुरू से कांग्रेस का गढ़ रही है वहीं आम आदमी पार्टी इस सीट पर हर हाल में जीत दर्ज करना चाहती है। कारण साफ है प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार के पास बड़ा बहुमत है। दूसरा विधानसभा चुनाव के बाद संगरूर लोकसभा उपचुनाव हारने से पार्टी बैकफुट पर आ गई थी। कांग्रेस चाहेगी की उसके पास यह लोकसभा सीट बनी रहे। ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में वह अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जमीन तैयार कर सके।
जालंधर लोकसभा सीट पर कुल 16 लाख 21 हजार 800 वोटर हैं। जिनमें 38 हजार 313 मतदाता 80 वर्ष से अधिक आयु के है जबकि 10 हजार 526 दिव्यांग है। जिले में 1972 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं और इन सभी पोलिंग स्टेशनों पर वेब कास्टिंग सहित अन्य सभी आवश्यक सुविधाओं रहेंगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक ‘वुमेन ओनली पोलिंग स्टेशन’ स्थापित किया गया है, जो केवल महिलाओं द्वारा संचालित किया जाएगा। जालंधर के पिंगलवाड़ा घर में पोलिंग बूथ बनाया गया है, जिसे दिव्यांग चलाएंगे। वहीं इस लोकसभा सीट पर महिलाएं अहम भूमिका निभाती हैं। 16 लाख मतदाताओं में से 7 लाख 76 हजार से ज्यादा महिला वोटर इस लोकसभा क्षेत्र में हैं। वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में महिला वोट का प्रतिशत पुरुष वोट से ज्यादा रहा था।