India News (इंडिया न्यूज), Jalandhar Lok Sabha by-election, चंडीगढ़। लोकसभा उपचुनाव को लेकर जालंधर में सियासी हलचल सूबे के दूसरे जिलों से काफी तेज है। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा अपनी पार्टी के पक्ष में जमकर प्रचार किया जा रहा है। यह सीट कांग्रेंस और आम आदमी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का भी सवाल है। क्योंकि इस सीट पहले कांग्रेस का कब्जा था। ऐसे में कांग्रेंस को इस सीट को हर हाल में बचाने का प्रयास करना होगा ताकि कांग्रेंस की साख को बचाया जा सके।
दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के लिए इस सीट का उपचुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं है। क्योंकि संगरूर लोकसभा सीट हारने के बाद अब आम आदमी पार्टी इस सीट पर गंभीरता से फोकस कर रही है। इसी के चलते जहां कांग्रे की तरफ से सभी सीनियर नेता चुनाव प्रचार में डटे हुए हैं वहीं आप की तरफ से प्रचार की कमान खुद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान संभाले हुए हैं। उनके साथ अन्य प्रमुख आप नेता भी मतदाताओं को रिझाने में लगे हुए हैं, लेकिन यहां के 16 लाख 21 हजार 800 मतदाता किसे जीता कर संसद भेजेंगे यह तो चुनावी नतीजों के बाद ही पता चलेगा।
वर्ष 2019 के लोकसभा के आम चुनाव के दौरान इस सीट पर कुल 63.04 फीसदी पोलिंग हुई थी। जिसमें पुरूषों के मुकाबले महिला वोटर मतदान के मामले में आगे रही थी। इस सीट पर बीते चुनाव के दौरान पुरूषों का मतदान प्रतिशत 61.65 फीसदी रहा था। जबकि महिलाओं का मतदान प्रतिशत 64.55 फीसदी रहा था। यानि की पुरूष वोटरों की अपेक्षा 2.9 फीसदी ज्यादा रहा था।
चुनावी समीकरणों को देखा जाए तो पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान वर्ष 2019 में इस सीट के अधीन आने वाली विधानसभा सीटों के हिसाब से सबसे अधिक मतदान फिलौर विधानसभा सीट पर हुआ था। जबकि सबसे कम मतदान जालंधर सेंट्रल सीट पर हुआ था। लेकिन दो विधानसभा सीटों को छोड़कर बाकी की 7 विधानसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत 60 फीसदी से अधिक रहा था।
राजनीतिक दलों के द्वारा अब इन सीटों पर भी फोकस किया जा रहा है जहां सबसे अधिक मतदान हुआ था। ताकि ऐसी सीटों पर अपनी पार्टी के पक्ष में मतदान करवाने के लिए वोटरों को रिझाया जा सकें। इसके लिए पार्टी के कार्यकर्ता भी अपने स्तर पर इन क्षेत्रों के वोटरों के बीच जा रहे है। पार्टी के कार्यकतार्ओं के लिए नुक्कड सभाएं और दूसरे कार्यक्रम कर अपनी पार्टी के प्रचार में जुटे हुए है।
फिलौर -65.90 फीसदी
नकोदर -64.45 फीसदी
शाहकोट – 63.21 फीसदी
करतारपुर -63.77 फीसदी
जालंधर वेस्ट -65.17 फीसदी
जालंधर सेंट्रल -58.93 फीसदी
जालंधर नार्थ -64.05 फीसदी
जालंधर कैंट -59.04 फीसदी
आदमपुर -63.10 फीसदी