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kartarpur Corridor आखिर 74 साल बाद मिले बिछड़े दो सगे भाई, फूट-फूटकर रोए

• LAST UPDATED : January 13, 2022

इंडिया न्यूज, अमृतसर।
kartarpur Corridor भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय बिछड़े भाई आखिर वर्षों बाद एक-दूसरे से मिले। आखिर 74 साल पहले बिछड़े दो सगे भाई जब मिले तो दोनों फूट-फूटकर रोए, वहां मौजूद बाकी लोगों की आंखें भी नम हो गई। पाकिस्तान के फैसलाबाद निवासी मोहम्मद सदीक और भारत निवासी मोहम्मद हबीब आका उर्फ शैला पाकिस्तान स्थित श्री करतारपुर साहिब में मिले। हबीब ने अपने पाकिस्तानी भाई सदीक से कहा कि चुप कर जा, परमात्मा का शुकर है मिल तां लिए।

एक भाई भारत तो दूसरा पाकिस्तान में था (kartarpur Corridor)

74 साल बाद दो बिछड़े भाइयों के लिए खुशी का वह हसीन पल करतारपुर कॉरिडोर में उस समय आया, जब भारत  (Ludhiana) में रहने वाले हबीब और पाकिस्तान (Faisalabad) में रहने वाले उसके भाई मुहम्मद सिद्दीकी जो कि 80 साल के हो चुके हैं पवित्र स्थान पर मिले। महज 6 साल के बालपन में जुदा हुए दो भाईयों को आखिर वाहेगुरू के दरबार में मिलाप हो ही गया। 74 साल बाद मिले दोनों भाईयों ने एक-दूसरे को पहचान लिया और दोनों गले लगकर खूब मिले। दोनों भाइयों की आंखें खुशी से नम थी।

बिछुड़ों को मिलाता करतारपुर कॉरिडोर (kartarpur Corridor)

पाकिस्तान का करतारपुर कॉरिडोर वह पवित्र स्थान है, जहां विभाजन का दंश झेल रहे अपनों की मुरादें पूरी होती रही हैं। क्योंकि यहां जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को वीजा की जरूरत नहीं है। दोनों ओर से लोग यहां शीश नवाने आते हैं वहीं जो लोग विभाजन के समय अपनों से अलग हो गए थे वह खासकर यही उम्मीद लेकर यहां आते हैं कि काश वाहेगुरू हमारी सुन ले और हमें हमारे बिछड़े परिवार से मिला दे। ऐसा ही एक वाक्य पिछले साल भी हुआ था, जब 73 साल के भारत में रहने वाले गोपाल सिंह (94) और पाकिस्तान के मोहम्मद बशीर (91) दोनों बंटवारे के वक्त जुदा हो गए थे और यहां उनकी मुलाकात हुई थी।

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