इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Kept Every Promise : कैप्टन रावत का मधुलिका से विवाह 14 अप्रैल 1986 को उसके दिल्ली के अशोका रोड पर स्थित घर पर हुआ था।
तब के माहौल के अनुसार कैप्टन बिपिन रावत बारात लेकर मधुलिका के दिल्ली में अशोका रोड वाले घर पर गए। बिपिन की बारात बैंड-बाजे के साथ मधुलिका के घर पर पहुंची।
बिपिन के दोस्त और परिवार के लोग खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। खूब आतिशबाजी छोड़ी गई। रात करीब 12 बजे फेरों के दौरान पंडित जी ने वर-वधु की गांठ बांधने को कहा।
दुल्हन बनी मधुलिका की बहनों ने उसकी लाल चुनरी का पल्लू बिपिन द्वारा पहनी गई सुनहरे रंग की शेरवानी के कोने से बांध दिया गया। अग्नि के 7 फेरे करवाने के बाद पंडितजी बोले कि अब आप दोनों 7 जन्मों के साथी हो गए हैं।
इसी प्रकार का माहौल दिल्ली में ही 36 साल बाद 10 दिसंबर 2021 को फिर से देखने को मिला। उसी तरह से बारात और बैंड-बाजा भी। बिपिन और मधुलिका को फिर से सजाया गया।
आतिशबाजी की जगह इस बार तोपों ने 17 बार गोले दागकर सलामी दी। इस बार का पता ऊपर से अलग दिल्ली का आर्मी कैंट एरिया था। फिर से मंडप सजा।
अग्नि भी जली लेकिन इस बार पंडित जी ने बिपिन और मधुलिका की पुत्रियों तारिणी और कृतिका को अपने माता-पिता को मुखाग्नि देने को कहा।
बिपिन और मधुलिका ने जो हमेशा एक-दूजे का साथ निभाने का वायदा किया था, वह उनके दुनिया को अलविदा कहने तक दिखा। दोनों यहां भी साथ रहे। इस दौरान 2 चिताएं नहीं सजाई गईं।
दोनों एक ही चिता पर लेटे थे। दोनों ने साथ निभाने का हर वादा निभाया। जीते जी भी और मर कर भी। जनरल रावत ने अपना किया कोई वादा कभी नहीं तोड़ा चाहे वो देश से किया हो, फौज से किया हो या फिर पत्नी से किया गया हो। Kept Every Promise
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