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Kisan Andolan Latest Update आंदोलन खत्म, घोषणा बाकी

• LAST UPDATED : December 9, 2021

धरना स्थल से उखड़ने लगे हैं टेंट
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Kisan Andolan Latest Update दिल्ली बॉर्डर पर 378 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन आखिर आज शाम को खत्म हो जाएगा। किसान संगठनों की इसके लिए सहमति बन गई है। किसान संगठनों ने बताया कि उन्हें केस वापसी समेत अन्य सभी मांगें मंजूर होने का लेटर भी मिल गया है।

आज शाम 5 बजे स्टेज से मोर्चा फतेह की घोषणा कर दी जाएगी। ताजाा हालातों को देखते हुए किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर टेंट उखाड़ने शुरू कर दिए हैं। वहीं वापसी की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों के अलावा सभी नेता अपने संगठनों के साथ बैठक कर आंदोलन खत्म करने की बात कह चुके हैं। हालांकि, इस पर संयुक्त किसान मोर्चे की मुहर लगनी बाकी है।

किसान संगठनों ने वापसी के ये बनाई रूपरेखा Kisan Andolan Latest Update

वहीं, आंदोलन की अगुआई करने वाले पंजाब के 32 किसान संगठनों ने अपना कार्यक्रम की रूपरेखा भी बना ली है, जिसमें 11 दिसंबर को दिल्ली से पंजाब के लिए फतेह मार्च होगा। सभी किसान सिंघु और टिकरी बॉर्डर से एक साथ ही पंजाब के लिए वापसी करेंगे। 13 दिसंबर को पंजाब के 32 संगठनों के नेता अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब में माथा टेकने जाएंगे। 15 दिसंबर को पंजाब में 116 जगहों पर लगे मोर्चे खत्म कर दिए जाएंगे। वहीं हरियाणा के 28 किसान संगठन भी अलग से रणनीति बना चुके हैं।

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ये बोले अशोक धावले Kisan Andolan Latest Update

संयुक्त किसान मोर्चा की 5 सदस्यीय हाईपावर कमेटी के सदस्य अशोक धावले ने कहा कि हमें केंद्र सरकार से मांग मंजूर करने वाला आधिकारिक पत्र मिल चुका है। अब इस पर रङट की मीटिंग में फैसला होगा।

किन मुद्दों पर बनी है सहमति Kisan Andolan Latest Update

1- केंद्र सरकार द्वारा कमेटी बनाई जाएगी जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि शामिल होंगे। फिलहाल अभी जिन फसलों पर MSP मिल रही है, वह जारी रहेगी। एमएसपी पर जितनी खरीद होती है, उसे भी कम नहीं किया जाएगा।

2- हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार किसानों पर दर्ज केसों को वापस लेगी। वहीं दिल्ली और अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के साथ रेलवे द्वारा दर्ज केसों को भी तत्काल वापस लिया जाएगा।

3- मुआवजे के मुद्दे पर बात की जाए तो उसको लेकर भी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में सहमति बन गई है। पंजाब सरकार की तरह यहां भी 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। ज्ञात रहे कि किसान आंदोलन में कुल 700 से अधिक किसानों की मौत हुई है।

4- बिजली संशोधन बिल को लेकर भी बात हुई कि पहले उस पर किसानों के अलावा सभी संबंधित पक्षों से चर्चा होगी। सरकार उसे सीधे संसद में नहीं ले जाएगी।

5- प्रदूषण कानून को लेकर किसानों को सेक्शन 15 से आपत्ति थी, जिसमें किसानों को कैद नहीं, लेकिन जुर्माने का प्रावधान है। इसे भी केंद्र सरकार हटाएगी।

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