India News (इंडिया न्यूज़), Dwarka Expressway, चंडीगढ़ : देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुग्राम से द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा चरण का उद्घाटन किया। 9 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनी 29 किलोमीटर की यह सड़क बेहद ही खास है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से एनसीआर के लोगों को न सिर्फ ट्रैफिक की जाम से मुक्ति मिलेगी साथ ही प्रदूषण में भी कमी मिलेगी।
द्वारका एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली-गुरुग्राम के बीच NH-48 पर यातायात को तेज करने और भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी। 8-लेन द्वारका एक्सप्रेसवे का 19 किमी लंबा हिस्सा हरियाणा में पड़ता है और इसे लगभग 4,100 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया था। दिल्ली से गुरुग्राम का रास्ता मात्र 25 मिनट में अब तय हो सकेगा। दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और गुरुग्राम बाईपास अब सीधे जुड़ गए हैं जिससे समय की भी बचत होगी। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों से सड़क मार्ग से दिल्ली आना लोगों के लिए अब सफर काफी राहत भरा हो जाएगा। मानेसर और आईजीआई के बीच यात्रा में आमतौर पर एक घंटा लगता है।
वहीं एक्सप्रेस-वे की विशेषता यह भी है कि इसमें उच्च तकनीक की 20 लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल किया गया है जोकि अपने आप में बड़ी बात है। यह एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुणा ज्यादा है। इस एक्सप्रेस-वे पर सफर सुहावना और सुरक्षित बनाने के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, हाईटेक टोल मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा सर्विलांस आदि अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल भी किया गया है।
इस 29 किमी एक्सप्रेसवे (23 किमी) का अधिकांश भाग ऊंचा है। एक्सप्रेसवे में कुल 8 लेन हैं, प्रत्येक तरफ चार। एलिवेटेड रोड सिंगल पिलर पर बनाई गई है। इसके दो फायदे हैं। एक तो सड़कों के लिए जमीन की जरूरत कम है और दूसरे सर्विस रोड चौड़े हो गए हैं। इससे शहर का यातायात सुगम होगा। एक बार जब आप एक्सप्रेसवे पर चढ़ जाएंगे तो बीच में कोई रुकावट नहीं होगी। सड़क को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसके किनारे कोई दुकान, घर या बाजार नहीं होगा। एक्सप्रेसवे पर सर्विस रोड से कोई प्रवेश या निकास नहीं है।
बता दें कि, द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली खंड में 3.6 किमी लंबी 8 लेन सुरंग भी बनाई गई है। यह सुरंग एयरपोर्ट के नीचे से भी गुजर रही है। इसे उथली सुरंग भी कहा जा रहा है। एयरपोर्ट को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान दिया गया है। ब्लास्ट प्रूफ टनल में इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि एयरपोर्ट के राडार से कोई छेड़छाड़ न हो। इस सुरंग से हर दिन करीब 40 हजार कारें गुजरेंगी। सुरंग में एक आपातकालीन निकास बनाया गया है और एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है। आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 को सुरंग से जोड़ दिया गया है।
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