India News (इंडिया न्यूज),Punjab Government, पंजाब: नेशनल व स्टेट हाईवे पर नाका लगाकर वाहनों के दस्तावेजों की जांच के मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि हमें पता है नेशनल हाईवे पर जीरकपुर व डेराबस्सी में बाहरी राज्यों के वाहनों को किस जांच के लिए क्यों रोका जाता है। कोर्ट ने कहा कि यह प्रवृत्ति बंद की जानी चाहिए नहीं तो कोर्ट को निर्देश जारी करने पड़ेंगे।
पंजाब सरकार की ओर से वकील तीव्र शर्मा ने डीजीपी के हलफनामे को आधार बनाते हुए बताया कि हाईवे पर स्थायी नाके नहीं लगाए जा सकते हालांकि कुछ समय से लिए अस्थायी तौर पर लगाए जा सकते हैं। वाहनों को अचानक से दस्तावेजों की जांच के लिए नहीं रोक सकते हालांकि संदिग्ध गतिविधि की सूचना, ब्लैक फिल्म, शराब पीकर गाड़ी चलाने या गंभीर ट्रैफिक अपराध की स्थिति में वाहन रोक दस्तावेजों की जांच व चालान किया जा सकता है। वाहन का किस राज्य में पंजीकरण है इस आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता है। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में चालान सीसीटीवी के माध्यम से करने को प्राथमिकता दी जाती है।
साथ ही बताया कि ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल अपराध या संदिग्ध वाहन की स्थिति में इसे जांच के लिए रोक सकता है, हालांकि आमतौर पर किसी पुलिस कर्मी की देर रात ट्रैफिक ड्यूटी नहीं लगाई जाती है। नेशनल व स्टेट हाईवे पर नाका लगाकर बाहरी राज्यों के वाहनों को दस्तावेजों की जांच के लिए रोकने के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के DGP को ट्रैफिक पुलिस की शक्तियों, कर्तव्य व सेवा नियमों से जुड़ी जानकारी सौंपने का आदेश दिया था। इस मामले में अब हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ तीनों का जवाब आ चुका है और कोर्ट ने इन सभी के अध्ययन के बाद इस मामले में विस्तृत आदेश जारी करने का निर्णय लिया है।
ट्रैफिक पुलिस के साथ मारपीट व गलत व्यवहार को लेकर दर्ज मामले में जमानत की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह जानकारी तलब की थी। इस मामले में जब ट्रैफिक पुलिस के अधिकार क्षेत्र को लेकर मुद्दा उठा तो कोर्ट ने इस विषय को गंभीरता से लिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में पहले ट्रैफिक पुलिस के अधिकार क्षेत्र व दायित्व जानना जरूरी है।