India News (इंडिया न्यूज़), Manipur violence today Update, इंफाल: मणिपुर में हालात फिलहाल नियंत्रण में है। हालांकि हिंसा प्रभावित इलाकों में आवाजाही अभी बाधित है। सेना ने आज बताया कि सभी कर्मचारियों द्वारा मिलकर कार्रवाई करने से हालात को काबू में लाया जा सका है। बता दें कि बुधवार रात को बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने के खिलाफ आदिवासी एकता मार्च के बैनर तले हो रहा विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया था और इसमें हिंसा भड़क गई थी।
सेना ने बताया कि सभी कर्मचारियों के सहयोग से कार्रवाई करके हालात को काबू कर लिया गया है। सेना ने बताया कि वायु सेना ने भी प्रभावित क्षेत्रों से सभी नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर और एएन-32 एयरक्राफ्ट से रात भर उड़ानें भरीं। वहीं, मणिपुर के चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च जारी है।
मणिपुर सरकार ने आदिवासियों और मेइती समुदाय के बीच बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए अत्यधिक गंभीर मामलों में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दे दिया था। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर सरकार की सलाह पर ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे के अनुसार, हालात जबतक सही नहीं हो जाते हैं, तब तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं करेगी। वहीं, भारतीय रेलवे ने बताया कि चार ट्रेनों को रद किया गया है। यह फैसला फिलहाल दो दिन (5 और 6 मई) के लिए लिया गया है।
छात्रों के संगठन ‘आॅल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन आॅफ मणिपुर’ (एटीएसयूएम) ने मार्च बुलाया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़प शुरू हो गई। अधिकारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मणिपुर संकट पर चिंता जताई है और राज्य की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हाल की घटनाओं से प्रभावित कई परिवारों ने असम में शरण ली है। मैंने कछार के जिला प्रशासन से इन परिवारों की देखभाल करने का अनुरोध किया है।
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