इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Manish Sisodia’s remand ends Today) : दिल्ली की नई आबकारी नीति के तहत हुए कथित घोटाले के आरोप से जूझ रहे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीबीआई रिमांड अवधि आज खत्म होने जा रही है। इसके साथ ही आज सीबीआई उन्हें कोर्ट में पेश करेगी। उम्मीद है कि सीबीआई अब उनका रिमांड नहीं मांगेगी। मनीष सिसाेदिया को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। उनकी गिरफ्तारी के बाद पांच दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था।
उन्हें शनिवार 4 मार्च को अदालत में पेश किया गया, विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने केंद्रीय एजेंसी को दो और दिनों के लिए हिरासत दे दी थी। सिसोदिया द्वारा दायर जमानत पर अदालत ने सीबीआई को नोटिस भी जारी किया। सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 10 मार्च को होगी। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या इस बार की होली पर मनीष सिसोदिया जेल में ही रहेंगे?
अदालत ने कहा कि सिसोदिया ने जमानत के लिए आवेदन किया है और उसके अनुरोध पर अब शुक्रवार को विचार किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई सिसोदिया की और हिरासत की मांग नहीं करेगी और उनके लिए 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की सिफारिश कर सकती है। 51 वर्षीय सिसोदिया ने इस जमानत याचिका में कहा है कि उनसे एक ही सवाल बार-बार पूछा जा रहा था और इससे उनकी मानसिक प्रताड़ना की जा रही है।
मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि मामले में सभी बरामदगी की जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच पूरी करने में एजेंसी की अक्षमता को रिमांड के लिए आधार नहीं बनाया जा सकता है। कोर्ट ने सीबीआई एक सवाल बार-बार नहीं पूछने को कहा। न्यायाधीश नागपाल ने कहा, “यदि आपके पास कुछ नया है, तो उससे पूछिए।”
सीबीआई ने अपनी ओर से कहा है कि सिसोदिया पूछताछ के दौरान असहयोगी और टालमटोल करने वाले रहे है। उन्होंने उनकी मेडिकल जांच में समय बर्बाद होने और सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई का भी हवाला दिया। आप नेता ने अपनी गिरफ्तारी के बाद राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और उसे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा।
मनीष सिसोदिया पर शराब नीति में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद नई शराब नीति को रद्द कर दिया गया था। अरविंद केजरीवाल सरकार पर नियमों को तोड़ने और शराब की दुकान के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ प्रदान करने का आरोप लगाया गया है। दिल्ली सरकार ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि भाजपा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। केजरीवाल ने कहा है कि रद्द की जा चुकी शराब नीति देश की सबसे पारदर्शी नीति है।